डीएम ने छीनी ‘प्रधानी’ तो हाईकोर्ट ने किया बहाल
मनियर/बलिया। विकास खण्ड मनियर के ग्राम पंचायत दिघेड़ा के तत्कालीन प्रधान शमीम को पदच्युत करने तथा कथित घोटाले की धनराशि की रिकवरी कराने के आदेश पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 25 फरवरी को पारित आदेश में रोक लगाते हुए जिला प्रशासन को पूर्व की स्थिति बहाल करने का आदेश दिया है। जिसके अनुपालन में जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने बीते 13 मार्च को पत्र जारी कर सम्बंधितों को हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि दिघेड़ा के तत्कालीन प्रधान शमीम के खिलाफ उनके राजनैतिक विरोधियों ने तत्कालीन जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर विकास कार्यो में धांधली करने एवं बड़े पैमाने पर राजकीय धन का बंदरबाट करने का आरोप लगाया था। जिसे संज्ञान लेते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा मामले की जांच कराने के उपरांत पत्रांक संख्या 4131/सात-पं0/शि0लि0/जांच-दिघेड़ा/2017-18 दिनांक 10.03.2018 के माध्यम से तत्कालीन प्रधान शमीम को पद्च्युत करते हुए दुरूपयोग की गयी धनराशि की वसूली का फरमान सुनाया था। जिसके विरोध में प्रधान शमीम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली और जिलाप्रशासन पर आधा-अधूरा जांच के आधार पर दुर्भावना से ग्रसित होकर करवाई का आरोप लगाया। मामले की लम्बी सुनवाई के उपरांत बीते 25 फरवरी को उच्च न्यायालय ने आदेश पारित कर तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश पर सवालिया निशान लगा दिया और कहा कि तथ्यों के आलोक में आधी अधूरी जांच की गयी है।
जांच पूरी करने के बजाय जिला प्रशासन ने फौरी तौर पर प्रधान शमीम के खिलाफ दण्डात्मक कारवाई की है, जो अनुचित है। हाईकोर्ट ने मामले मंे जिला प्रशासन को फटकार लगाते हुए मामले की पुनः पूर्ण जांच कराने का हुक्म दिया। साथ ही ग्राम सभा दिघेड़ा में पूर्ववत स्थिति बहाल करने का भी आदिश दिया। उच्च न्यायालय के आदेश के उपरांत सकते में आये जिलाधिकारी ने आनन-फानन में बीते 13 मार्च को पत्र संख्या 6359/सात-पं0/शि0लि0/ग्रा0पं0दिघेड़ा/2018-19 दिनांक 13 मार्च 2019 जारी कर पूर्व में जारी आदेश को अग्रिम आदेश तक निरस्त करने का फरमान जारी किया। जैसे ही यह खबर दिघेड़ा ग्रामवासियों को मिली उनमें हर्ष की लहर दौड़ गयी, लोग प्रधान शमीम को बधाईयां देने उनके आवास पर जुटने लगे। वही प्रधान शमीम ने इसे सच्चाई की जीत बताया है।
रिपोर्ट राम मिलन तिवारी
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