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घोसी में बीजेपी की नैया पार करेंगे दारा ?



चिलकहर(बलिया)। लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई चुनाव की वोटिंग अंतिम चरण मे 19 मई को होनी है  वहीं राजनीति ​गलियारों में चर्चाये व  सभी दल अभी से ही चुनावी जीत की गुणा-गणित में लग गये है। राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि जो भी हो इस बार का लोकसभा चुनाव 2014 की तरह नहीं होगा। 2014 मे जो भी भाजपा के सिम्बल से चुनाव लड़ा सीधे लोकसभा में पहुंच गया लेकिन इस बार भाजपा प्रत्याशियों को लोहे के चने चबाने पडेंगे । कारण कि उत्तर प्रदेश में सपा- बसपा गठबंधन, भाजपा गठबंधन को कड़ी चुनौती देता नजर आ रहा है।

शायद यही कारण है कि भाजपा हाईकमान उन सांसदो की जगह नया प्रत्याशी दे रहा है। जिनका लोक सभा क्षेत्र मे संपर्क ठीक नहीं रहा है। पुराने सांसदों की जगह नये प्रत्याशी उतारने की बात राजनितिक गलियारे मे होती रहती है । इसी कड़ी में 70 घोसी लोकसभा क्षेत्र मे भाजपा के तरफ से अब तक प्रत्याशी के नाम की घोषणा नही हो सकी है जो  खासे चर्चा मे है।पिछला चुनाव बसपा से लडकर दुसरे नम्बर पर रहे थे दारा सिंह चौहान जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार मे कैविनेट मंत्री है । इनके बारे ये भी चर्चा है कि भाजपा इस बार दारा सिंह चौहान को आजमा सकती है , क्योंकि घोसी लोकसभा चौहान बाहुल्य क्षेत्र है । इसी के आधार कांग्रेस ने बसपा से आये पूर्व सांसद बाल कृष्ण चौहान को टिकट देकर राजनितिक हलचल बढ़ा दी है। जो भी हो भाजपा के लिए इस बार राह आसान नहीं दिख रही है ।

सूत्रो के अनुसार भाजपा हाईकमान ने प्रत्याशियों के बदलाव के लिए जो मानक तय किये है। उसमे खास बात यह है कि जिन सांसदो ने पार्टी के कार्यक्रमों में असहयोग किया है तथा साढे. चार साल के कार्यकाल में क्षेत्र की जनता की अनदेखी की है। ऐसे सांसद ज्यादे निशाने पर है । राजनितीक चर्चाये इस कदर छिड़ रही है कि बिन प्रत्याशी ही लोग चुनाव लडते नजर आ रहे है ।
जो भी हो इस बार घोसी लोकसभा की लडाई भाजपा के लिए आसान नहीं दिख रही है क्योंकि यहाँ भाजपा विरोधी तीन प्रमुख दल बसपा, सपा और कौमी एकता दल एक साथ जो हो गये है ।
राजनितिक समीक्षकव प्रबुद्ध वर्ग चर्चा पिछले 2014 के आंकड़ो पर ही करते नजर आ रहे है  पिछली बार यहां से भाजपा के हरिनारायण राजभर चुनाव जीते थे जिन्हें 3,79,797 मत मिले थे । दुसरे नम्बर पर बसपा के दारा सिंह चौहान थे जिन्हें 2,33,782 मत मिले थे पर इस बार बसपा ने अब तक अतुल राय को प्रभारी बनाया है जो कार्यक्रमो मे शिरकत भी की है पर लोगो मे चर्चा है कि बसपा भी कोई दमदार प्रत्याशी पर मन बना रही है जो जल्द ही घोषणा करेगी अतुल राय मतदाताओ की नब्ज देख रहे है । इस तरह हरि नारायण राजभर 1,46, 015 मत से चुनावी बाजी मार ले गये थे । इस बार समीकरण बहुत बदल सा गया है। भाजपा के विरुद्ध जो प्रमुख दल एक हुए हैं , उसमे से पिछले चुनाव का बसपा का 2,33,782, कौमी एकता दल का 1,66,443 और सपा के राजीव राय  1,65,887 मत जोड दिया जाये तो कुल मत 5,66, 887 हो जा रहा है। जो भाजपा के जीते हुए प्रत्याशी हरि नारायण राजभर से 1,86,315 मत अधिक हो जा रहा है। जिसकी भरपाई होते नहीं दिख रहा है ।
हालांकि कि पिछले चुनाव मे कौमी एकता दल का सुहेलदेव भाजपा से गठबंधन था। इसके बावजूद भी भाजपा प्रत्याशी के राजभर होने के चलते राजभर समुदाय का अधिकांश मत भाजपा को ही मिला था। इस बार भी सुहेलदेव भासपा अभी तक भाजपा की सहयोगी पार्टी के रुप मे साथ तो है पर आगे क्या होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता है।ऐसी सिथति मे राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि घोसी लोकसभा मे फिलहाल भाजपा के लिए दिल्ली दूर दिख रही है। अन्तिम घडी मे कोई चमत्कार हो जाये तो कुछ कहा नहीं जा सकता है ।गांवो की बैठकी हो या चाय पान की दुकान चर्चाये बढ़ती ही जा रही है राजनितीक समीक्षक बस यही कहता नजर आ रहा है कि जब तक दमदार प्रत्याशी नही होगा भाजपा लडाई मे पिछडती ही नजर आ रही है पर कांग्रेस ने सुधा राय पर बालकृष्ण चौहान को टिकट देकर चौहान के परमंपरागत वोटो मे सेंध लगाने की फिराक मे है पर सपा बसपा गठबंधन होने के बाद गंवई व बाजारू नेताओ का मौन धारण कर लेना राजनितिक समीक्षको को सोचने पर मजबूर कर दिया है कुल मिलाकर 2019 की लडाई दिलचस्प होती जा रही है बिन प्रय्याशी ही लोग बाग चुनाव लड़ते नजर आ रहे है।

रिपोर्ट संजय पांडे

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