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डीएम के आदेश पर सीएमओ आवास पर हुई ताला बंदी, हड़कंप



 बलिया। मुख्य चिकित्साधिकारी के पत्र को संज्ञान में लेते हुए बुधवार को जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग में बड़ी कारवाई की। जिससे विभागीय कर्मियों में हड़कंप की स्थिति है। आलम यह है कि महकमे के बाबू अपने दफ्तरों में ताला बंद कर फरार है। जबकि मुख्य चिकित्साधिकारी के आवास पर अनाधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित हो गया है। जिला प्रशासन की इस कारवाई से विभागीय कर्मचारी समेत महकमे के ठेकेदारों के हाथ-पांव भी फूलते नजर आ रहे है। विभागीय सूत्रों की बातों पर यकिन करे तो कार्यभार ग्रहण करने के एक सप्ताह बाद ही नवागत मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 पीके मिश्रा ने जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत को अनुरोध पत्र लिखकर जान माल की सुरक्षा की गुहार लगायी थी। पत्र में सीएमओ ने जिक्र किया था कि विभागीय ठेकेदार तथा अन्य असामाजिक तत्व अनावश्यक रूप से फर्जी बिल-बाउचरो का भुगतान कराने के लिए अनावश्यक दबाव डालने के साथ ही जान से मारने की धमकी दे रहे है। ऐसी परिस्थति में कार्य करना दुस्कर हो गया है। सीएमओ के पत्र की जांच कराने के उपरांत डीएम ने बुधवार को सीएमओ आवास परिसर में अनाधिकृत लोगों के प्रवेश पर बैन लगा दिया। साथ ही सीएमओ आफिस मेें तैनात वित्त पटल का कार्यभार देखने वाले बाबू को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। सूत्र बताते है कि डाटा इंट्री के पद पर तैनात एक बाबू ही वित्त पटल का कार्यभार देखते थे। ऐसे में डीएम द्वारा की गयी कारवाई से विभागीय कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। जबकि दूसरी ओर मार्च माह के आखिर समय में हुई इस कारवाई से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सकते में आ गये। उन्हें इस बात का भय सता रहा है कि शायद अब उनके पिछले बकाया देयकों, मसलन बोनस, एरियर, डीएम का भुगतान न हो सके। इसके अलावा दर्जनों लोग अचानक हुई इस कारवाई से परेशान है क्योंकि उनके बिल वाउचर का भुगतान भी लम्बित हो गया। डाटा इंट्री के पद पर तैनात कर्मचारी के सस्पेंशन की बाबत जब सीएमओ साहब से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल फोन कवरेज एरिया से बाहर बता रहा था। जबकि डिप्टी सीएमओ डॉ0 केडी प्रसाद ने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया। उनका कहना था कि वो  वर्जन देने के लिए अधिकृत नहीं है। दूसरे शब्दों में कहे कि कोई भी विभागीय अधिकारी डीएम द्वारा की गयी कारवाई की पुष्टि करने को तैयार नहीं था।


By-Ajit Ojha

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