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असाध्य रोगों से मुक्ति का केन्द्र बना ‘पकड़ी धाम’


# ‘माँ’ के प्रसाद से दूर होता है असाध्य रोग

बलिया। पकड़ी धाम से मशहूर फेफना थाना क्षेत्र स्थित पकड़ी गाँव का काली मंदिर इन दिनों भक्तों के लिए असाध्य रोगों से मुक्ति का केन्द्र बना हुआ है। आलम यह है कि यहां जनपद समेत पड़ोसी राज्य बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ से भक्तों का हुजूम उमड़ रहा है और मां काली की कृपा से असाध्य रोगों से छुटकारा पा रहा है। कुछ ऐसे लोग यहां आये है और मां की कृपा से स्वस्थ होकर लौटे है जिन्हें मेडिकल साइंस अर्थात चिकित्सकों ने जवाब दे दिया है। ऐसे ही एक पीड़ित बिहार प्रांत के बक्सर जनपद के ग्राम$पो0 करहंसी निवासी ओम जी पुत्र नागेन्द्र प्रसाद साह है। नागेन्द्र के बेटे ओम जी को छोटी सी उम्र में ब्लड कैंसर हो गया था। जिसका इलाज पटना समेत दिल्ली व अन्य अस्पतालों में कराया, लेकिन मर्ज ठीक होने की बजाय बढ़ता गया। परेशान दंपति अपने मासूम बेटे के साथ पकड़ी स्थित काली धाम मंदिर में आये और मां की कृपा व प्रसाद से ओम जी का ब्लड़ कैंसर दूर हो गया। इसके अलावा बक्सर जनपद के सिमरी थाना क्षेत्र के खंन्धरा दुलहपुर निवासी पुष्पा को तो स्तन कैंसर  का मर्ज लग गया था, पटना के डाक्टरों को दिखाया तो बताया कि मुम्बई जाकर इलाज कराओ। लेकिन पुष्पा ने मुम्बई जाने की बजाय मां काली की शरण में जाना मुनासिब समझा और मंदिर के पुजारी रामबदन भगत द्वारा दी गयी गोली और प्रसाद से उसका मर्ज जाता रहा। इतना ही नहीं बलिया जनपद के फेफना थाना क्षेत्र के बेदवली निवासी बिंदू देवी पति काशी नाथ यादव भी ब्लड कैंसर से पीड़ित थीे। चिकित्सकों ने कहा कि अब कुछ दिनों की मेहमान है, लेकिन मां काली के प्रसाद और मंदिर के पुजारी रामबदन भगत द्वारा दिये गये तेल से बीमारी छू मंतर हो गयी।


 बलिया जनपद की ही बैरिया थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर निवासी रीना तिवारी पत्नी कृष्ण कुमार तिवाारी को बच्चे दानी मेें कैंसर की शिकायत थी। आपरेशन के बाद भी मर्ज ठीक नहीं हुआ, लेकिन पकड़ी धाम की काली मां के प्रसाद और मंदिर के पुजारी रामबदन भगत द्वारा दिये गये तेल की मालिश से बीमारी दूर हो गयी। इसके अलावा खुशबू वर्मा पत्नि आदर्श कुमार वर्मा की कहानी कुछ इससे जुदा है। खुशबू मानसिक रोग से ग्रसित थी लेकिन मां काली के प्रसाद ने उसे नव जीवन प्रदान किया। बिहार के बक्सर जिला के सोहनी पट्टी निवासी संगीता पत्नि सुनील तिवारी की माने तो डाक्टरों ने उसकी दोनों किडनी को फेल करार दिया था, लेकिन मां के प्रसाद से एक माह में मैं भला चंगा हो गयी। इसके इत्तर बलिया के विद्याभवन नारायणपुर निवासी विनोद पाण्डेय का कहना है कि वह प्रेत बाधा से ग्रसित था लेकिन पकड़ी धाम स्थित मां काली मंदिर में आकर प्रसाद ग्रहण करते ही उसकी सभी परेशानीया जाति रही। मंदिर के पुजारी व मां काली के अन्नय उपासक रामबदन भगत का कहना है कि जो भी निश्च्छल भाव से मां के समक्ष अपनी पीड़ा बया करता है। माता स्वयं उसके दुख दूर करती है। इसमें कोई दिखावा नहीं है। उनका कहना है कि ऐसे तमाम भक्त है जिनको डाक्टरों ने जवाब दे दिया और मां की कृपा से आज वो आबाद है।


By-Ajit Ojha

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