सफेद सोना : पीने से दिमाग तेज तो हड्डियां होती हैं मजबूत
नई दिल्ली। रेगिस्तान के जहाज यानि ऊंट अपनी विशिष्ट विशेषताओं के लिए मशहूर है तो सऊदी अरब में ऊंटनी का दूध अति लोकप्रिय है। सऊदी अरब के रेगिस्तान इलाकों में लोग ऊंट का ही प्रयोग करते हैं और इसे आवागम का अच्छा साधन भी मानते हैं, लंबी दूरी तय करने के लिए भी लोग ऊंट या ऊंटनी का प्रयोग ही करते हैं लेकिन ऊंटनी का प्रयोग सिर्फ लंबी दूरी तय करने के लिए नहीं बल्कि उसका दूध निकालने के लिए भी होता है। यही कारण है कि ऊंटनी के दूध को सऊदी अरब में सफेद सोना भी कहा जाता है।
यूनाइटेड अरब में ऊंटनी के दूध से बने प्रोडक्ट लोकप्रिय हैं और वहां के लोग दैनिक जीवन में ऊंटनी के दूध का प्रयोग करते हैं। अब ऊंटनी के दूध के फायदों को जानकर कई दूसरे देश जैसे भारत, बांगलादेश, मिस्र और ईरान में भी ऊंटनी के दूध की मांग बढ़ गई है। यूनाइटेड अरब अमीरात में भी ऊंटनी के दूध की काफी मांग है और इसे पीने वाले कम नहीं है। ऊंटनी का दूध दिन में दो बार निकाला जाता है और एक ऊंटनी एक दिन में करीब सात लीटर दूध देती है। ऊंटनी के दूध में गाय के दूध के मुकाबले आधा फैट होता है।
कई तरह के शोधों में ये बात सामने आई है कि अगर किसी का दिमाग कमजोर है तो उसे रोज एक गिलास ऊंटनी का दूध पिलाएं उसका दिमाग तेज हो जाएगा। इसका उपयोग ज्यादातर बच्चों के लिए किया जाता है।
रैका नाम की जनजाति के ऊपर एक शोध किया गया, जिसमें ये बात सामने आई है कि इस जनजाति में किसी को भी डायबिटीज नहीं है क्योंकि इस जाति के लोग ऊंटनी के दूध का प्रयोग करते हैं। आज के समय कई वैज्ञानिक दवाई बनाने में ऊंटनी के दूध का प्रयोग कर रहे हैं क्योंकि उनके द्वारा कई शोधों में उन्होंने इस दूध से कई बीमारियां दूर की हैं. आने वाले समय में 70 प्रतिशत दवाईयों में ऊंटनी के दूध का ही प्रयोग किया जाएगा। यूनाइटेड अमारत और मिस्र के अलावा ऊंटनी के दूध की डिमांड भारत के राजस्थान, अहमदाबाद, सूरत, पूणे और मुंबई में इसकी डिमांड ज्यादा हो रही है। उन लोगों ने इसके दूध का प्रयोग किया और उन्हें इसका फायदा भी प्राप्त हुआ।
गाय के दूध से ज्यादा ऊंटनी के दूध में कैल्शियम पाया जाता है।इसे पीने से हड्डियां मजबूत होती है, इसी के साथ इसमें लेक्टोफेरिन पाया जाता है, जो कैंसर से लड़ने में मदद करता है।
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