आज भी उपेक्षा पर आंसू बहा रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
रेवती (बलिया)। दवाओं तथा चिकित्सा उपकरणों के समुचित अभाव में आज भी बद्हाल है सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेवती। गंगा व घाघरा के तटवर्ती दो दर्जन से अधिक ग्राम सभाओं सहित नगर क्षेत्र की लगभग डेढ़ लाख आबादी को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए सन 2012 में 3.2 करोड़ की लागत से निर्मित 30 बैड के अस्पताल का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा रिमोट कंट्रोल से लखनऊ से किया गया। इधर पिछले एक वर्ष तक सीएचसी प्रभारी विहिन रहा। इस समय प्रभारी अधीक्षक के रूप में डाॅ धर्मेन्द्र कुमार सहित एक चिकित्साधिकारी डाॅ रोहित रंजन, दो संविदा चिकित्सक अविनाश मौर्य, डाॅ यशवंत सिंह, दो आयुष चिकित्साधिकारी डाॅ एके वर्मा, डाॅ अनिता यादव कार्यरत हैं। विडम्बना कि बात यह है कि कोई भी चिकित्सक साढ़े दस बजे से पहले अस्पताल नहीं पहुँच पाते हैं। खून, बलगम को छोड़कर कोई जांच की न तो सुविधा उपलब्ध है और न एक्सरे मशीन आदि की ब्यवस्था है। दवा का भी अभाव बना रहता है ।
मरीजों को अब मिल रही बेहतर सुविधाएं
रेवती/बलिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी अधीक्षक डाॅ धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि अब पहले की अपेक्षा मरीजों को बेहतर सुविधा मिल रही है। नाइट व अवकाश के दिन इमरजेन्सी सेवा के लिए एक चिकित्सक की मौजूदगी सी एच सी पर सुनिश्चित कर दी गई है। इस समय दवा की पर्याप्त उपलब्धता हैं।
रिपोर्ट अनिल केशरी
मरीजों को अब मिल रही बेहतर सुविधाएं
रेवती/बलिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी अधीक्षक डाॅ धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि अब पहले की अपेक्षा मरीजों को बेहतर सुविधा मिल रही है। नाइट व अवकाश के दिन इमरजेन्सी सेवा के लिए एक चिकित्सक की मौजूदगी सी एच सी पर सुनिश्चित कर दी गई है। इस समय दवा की पर्याप्त उपलब्धता हैं।
रिपोर्ट अनिल केशरी
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