‘युवा तुर्क’ ने त्याग दी कुर्सी, नहीं छोड़ा वसूल
- पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर हुए विविध आयोजन
बलिया। राष्ट्रनायक चंद्रशेखर मैराथन समिति के तत्वावधान में युवा तुर्क पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की 93वीं जयंती बुधवार को मनाई गई। चंद्रशेखर नगर स्थित पूर्व पीएम के आवास ‘झोपड़ी’ पर आयोजित जयंती समारोह में बड़ी संख्या में चंद्रशेखर के अनुयायी पहुंचे। जिन्होंने अपने प्रिय नेता को श्र(ासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर चंद्रशेखर अमर रहें...के नारे से माहौल गुंजायमान हो गया।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की याद में ‘झोपड़ी’ पर सुबह साढ़े आठ बजे से आयोजित कार्यक्रम में लोग शाम तक पहुंचते रहे। सभी ने उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने उन्हें देश की राजनीति का स्तम्भ बताया। कहा कि चंद्रशेखर विरले ऐसे नेताओं में शुमार थे, जिन्होंने कभी अपने वसूलों से समझौता नहीं किया। वे किसी परिधि में नहीं बंधे। जिले का जीवन पर्यंत प्रतिनिधित्व करते हुए पूरे राष्ट्र के बारे में सोचते थे। उन्होंने देश और समाज को नई दिशा दी।
आज की राजनीति में चंद्रशेखर के आदर्श और भी प्रासंगिक हैं। इस मौके पर लोकगीत कलाकर शैलेन्द्र व उनकी टीम ने सुरों से समाजवादी नेता को श्र(ांजलि दी। चंद्रशेखर पर गाये शैलेंद्र के गीतों ने सभी के आंखों में ला दिए। इस मौके पर संजय उपाध्याय, राघव सिंह, बंशीधर यादव, रंजीत चौधरी, जितेन्द्र सिंह, धर्मवीर सिंह, सुधीर सिंह, जमाल आलम, सुशील पांडेय, उमेश सिंह, रामेश्वर यादव, शक्ति सिंह, रियाजूद्दीन, राजेश सिंह, धिरेन्द्र राय,मनोज शर्मा, चन्दन सिंह, रुस्तम अली आशुतोष तोमर संतोष, भवतोष पांडेय, ब्यास जी, परमात्मा यादव सर्वेश सिंह, गनेश सिंह, अजय सिंह, रवि यादव, गोलू, अदालत, विपिन जायसवाल, सचिन सिंह, नितेश सिंह,राजीव सिंह, राजेश सिंह, भीम यादव, विरेन्द्र सिंह, धिरेन्द्र राय, पंकज राय, अमित सिंह, मंगल सिंह, संतोष सिंह, चिंटू सिंह, धर्मेंद्र सिंह, अजीत यादव, अमरेन्द्र सिंह, अभय सिंह, अभिषेक पाण्डेय, अरमान, विजय सिंह, चिकू अजय पान्डेय आदि रहे। संचालन प्रदीप यादव वह अजीत सिंह ने व अध्यक्षता द्विजेन्द्र मिश्र ने किया।
रेत पर उकेरी आकृति
सैंड आर्टिस्ट खरौनी बांसडीह निवासी रूपेश सिंह ने ‘झोपड़ी’ पर आयोजित जयंती समारोह में युवा तुर्क चंद्रशेखर की हूबहू कलाकृति रेत पर उकेरी तो लोग अपने नेता को अपलक निहारते रहे। मंगलवार शाम से रूपेश अपनी टीम के साथ युवा तुर्क को रेत पर उकेरने में जुटे थे। रूपेश के द्वारा अनोखे में अंदाज में चंद्रशेखर को श्र(ांजलि दिए जाने की सभी ने प्रसंशा की। रेत से बनी चंद्रशेखर की कलाकृति के साथ सेल्फी लेने की युवाओं में होड़ दिखी। बड़ी संख्या में लोगों ने तस्वीरें खिंचवाई।
दो को मिला चंद्रशेखर कला सम्मान
राष्ट्रनायक चंद्रशेखर मैराथन समिति ने पूर्व प्रधानमंत्री की 93वीं जयंती पर कलाकरों को सम्मानित भी किया। समिति के तरफ से युवा रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी व उनकी टीम को चंद्रशेखर कला सम्मान से सम्मानित किया। जबकि सैंड आर्टिस्ट रूपेश सिंह व लोकगीत गायक शैलेंद्र मिश्रा को भी चंद्रशेखर कला सम्मान दिया गया। समिति के सचिव उपेंद्र सिंह ने कायर्क्रम में आए सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया।
By-Ajit Ojha
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