अवैध आरा मशीन संचालकों के आगे मूकदर्शक बना वन विभाग
रसड़ा (बलिया) । बलिया जनपद के रसड़ा तहसील क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध तरीकों से आरा मशीन चलाई जा रही है मशीन मालिकों के पास आरा मशीन चलाने का लाइसेंस तक नहीं है पूरा खेल वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से खेला जा रहा है यही वजह है कि जहां राजस्व का हर महीने लाखों रुपए की चपत लग रही है। वही वन विभाग के उच्चाधिकारियों भी मूकदर्शक बने हुए है । अवैध तरीके से चल रही आरा मशीन पर छापेमारी करने की योजना बनाते तो है तभी विभागीय मुखबीर मशीन मालिकों को पहले ही सूचना पहुंचा देते हैं और अवैध तरीके से काटकर लाए गए हरे पेड़ को गायब कर दिया जाता धरती को हरा-भरा करने के कागजों पर लाखों पेड़ लगाए गए मगर धरातल पर कम ही नज़र आते विभागीय रहमों करमो पर एक दर्जन अवैध आरा मशीन बिना लाइसेंस संचालित की जा रही है।
अवैध आरा मशीन के चलते जहां विभागीय अफसर मालामाल हो रहे हैं वहीं लाखों रुपए राजस्व का चूना लग रहा है अवैध रूप से संचालित आरा मशीनों पर रोक लगाने के लिए सरकार के आदेशों को विभागीय अफसर ठेंगा दिखा रहे हैं। ऐसा नहीं होता तो रसड़ा तहसील क्षेत्र में एक दर्जन आरा मशीन बिना पंजीकरण के धड़ल्ले से कैसे चल रही हैं बानगी के तौर पर नरला, राधोपुर , अठिला, पकवाइनार, सराय भारती, मुस्तफाबाद,नाथ बाबा रोड़, मालगोदाम रोड़ कोटवारी में अवैध आरा मशीन चल रही है। आरा मशीन पर प्रदेश स्तर की कभी आजमगढ़ की टीम जांच करने पहुंचते ही तहसील क्षेत्र के वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी आरा मशीन संचालकों को मोबाइल पर सतर्क कर देते हैं जिसकी वजह से अवैध आरा मशीन पकड़ में नहीं आती कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी संचालकों एवं पेड़ कटवा गिरोह की तिकड़ी से हरे पेड़ों को काट-काट कर जहां पूरा क्षेत्र को विरान कर दिया गया है वहीं हर महीने लाखों रुपए राजस्व का चूना भी लगाया जा रहा है।
बताते चलें कि रसड़ा तहसील क्षेत्र में तीन या चार ही लोग लाइसेंसी रह गये है। पूरे मामले की जानकारी जिला वन संरक्षक अधिकारी बलिया श्रद्धा यादव जी के मोबाइल पर अखण्ड भारत न्यूज़ संवाददाता ने अवगत कराया तो रसड़ा रेंज के रेंजर भगवान सिंह को फटकार लगाते हुए कहा कि रसड़ा क्षेत्र में अवैध आरा मशीन संचालकों पर तत्काल करें कार्रवाई ।
रिपोर्ट पिन्टू सिंह
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