सूफी संत रोशन शाह के उर्स में गंगा जमुनी तहजीब का हुआ दीदार
रसड़ा (बलिया): सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक रोशन शाह बाबा का सालाना उर्स मुबारक पर शनिवार को दरगाह से चादर व गागर का नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए भव्य जुलूस निकाला गया। जुलूस में हिंदु, मुस्लिम एकता की जीती जागती झलक देखी गई। सभी धर्म सम्प्रदाय के लोग श्रद्धा से ओत-प्रोत हो कर सड़कों पर चल रहे थे।
जुलूस नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए संत निसिद्धीपीर तथा अन्य सूफी संतों के मजार पर अपने अकीदत के फूल चढाते हुए महान सिद्ब संत श्रीनाथ बाबा के दरबार पहुंचा जहां सर्व प्रथम उनकी चादर पोशी की गई। जुलूस के लंबे काफिले के साथ कव्वालों ने रास्ते भर नातियां कलाम पढ़ी। जुलूस में मो. जहागीर अंसारी, खादिम अब्दुल मन्नान, मनोज कुमार, ठाकुर जी रमेश सिंह, कौशलेंद्र गिरी, मन्नौवर अली, अनवर भाई, मुमताज अहमद, मुन्ना भाई, आदि ने शिरकत की।
बताते चलें कि सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपराओं के तहत जब रोशन शाह बाबा की चादर पोशी होती है तो सर्व प्रथम श्रीनाथ बाबा को पहले चादर चढ़ाई जाती है और जब नाथ बाबा का रोट पूजन होता है तो सर्व प्रथम रोशन शाह बाबा के मजार पर रोट पूजन के बाद ही श्रीनाथ बाबा का रोट चढ़ाया जाता है। इस मौके पर विधायक उमाशंकर सिंह के अनूज रमेश सिंह व मंहत कौशलेंद्र गिरी भी शामिल रहे ।
रिपोर्ट पिन्टू सिंह
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