........तो बदल जाएगा मस्त का टिकट ?
बलिया। भारतीय जनता पार्टी के अंदर बलिया लोकसभा सीट से टिकट को लेकर फिर एक बार फिर बवंडर मचा है। भाजपा की महिला मोर्चा की नेता एवं कथा वाचक मंजू सिंह विसेन ने दावा कि बलिया से टिकट केवल महिला के लिए आरक्षित है, यही कारण है कि भदोही के सांसद को पार्टी ने अभी भी फाईनल टिकट नहीं दिया है। श्रीमती विसेन ने जिक्र किया कि पार्टी आलाकमान द्वारा निरंतर यह कहा जाता रहा कि बलिया लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी महिला को उम्मीदवार बनायेगी।
भाजपा नेत्री श्रीमति विशेन ने कहा कि बलिया लोकसभा का टिकट महिला को मिलना है। पार्टी और संगठन ने भगवताचार्य के नाम पर पूरा प्लान कर मेरा नाम पहले नम्बर पर दिया है। उनका कहना है अगर बलिया सीट महिला का है तो मेरा नाम लिखने के बजाय सिर्फ महिला क्यों लिखा गया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पार्टी ने महिला का अपमान किया है।
आरोप लगाया कि बावजूद इसके भदोही के सांसद और पार्टी के किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह मस्त को भाजपा ने टिकट थमा दिया। पार्टी ने मेरा नाम न देते हुए केवल महिला शब्द का जिक्र किया, जो आधी आबादी का अपमान है। साथ ही यह भी जोड़ा कि बलिया से भाजपा नेत्री केतकी सिंह को टिकट के नाम पर पार्टी के द्वारा परिहास और मजाक उड़ाया गया। अगर श्रीमती विशेषण की बातों पर भरोसा करेंगे स्पष्ट है कि अभी भी बलिया लोकसभा सीट को लेकर बीजेपी में अंतर्द्वंद बदस्तूर है।
बता दें कि बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त का नाम बतौर प्रत्याशी घोषित होने पर सबसे पहले बलिया के निवर्तमान भाजपा सांसद के कार्यकर्ताओं ने मस्त का विरोध किया था। अब इस कड़ी में भाजपा की महिला मोर्चा की नेता मंजू सिंह का नाम भी जुड़ गया है। नऐ
भाजपा नेत्री श्रीमति विशेन ने कहा कि बलिया लोकसभा का टिकट महिला को मिलना है। पार्टी और संगठन ने भगवताचार्य के नाम पर पूरा प्लान कर मेरा नाम पहले नम्बर पर दिया है। उनका कहना है अगर बलिया सीट महिला का है तो मेरा नाम लिखने के बजाय सिर्फ महिला क्यों लिखा गया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पार्टी ने महिला का अपमान किया है।
श्रीमती मंजू सिंह ने कहा पार्टी ने अभी तक फाईनल टिकट नहीं दिया है। महिला का नाम आने पर महिला को टिकट न मिलने पर कहा पार्टी से शिकायत है। पत्रकारों से वार्ता में कहा कि क्या पार्टी को मेरा नाम लेने में कोई कठिनाई आ रही थी क्या ? एक सवाल के जवाब मे कहा कि केतकी सिंह तो अभी बच्ची हैं, उसे माला पहना कर उसका परिहास और मजाक उड़ाया गया। प्रधानमन्त्री मोदी के द्वारा अपनी टिकट की दावेदारी को बताते हुए कहा जा कर मस्त जी से पूछिये क्या उनको प्रूफ मिला है, यहाँ से अख़बार में आ गया, बस यही प्रूफ है? भरत सिंह के कार्यकर्ताओं के द्वारा वीरेंद्र सिंह मस्त के विरोध को अपना पक्ष बताया। साथ कहा कि टिकट नहीं मिलने पर आन्दोलन करने की बात कहीं। कहा कि मैं दावेदारी नहीं छोडूंगी और टिकट नहीं मिलने का सवाल ही नहीं है।
By-Ajit Ojha
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