प्रधानमंत्री की सुरक्षा को जा रहे एसपीजी दस्ता के वाहन आपस में भिड़े
- दो सुरक्षाकर्मी चुटहिल
बलिया। देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गाजीपुर से कुशीनगर के लिए जा रही एसपीजी टीम के अधिकारी संजय सिंह (42) सहित एक अन्य सदस्य विजय राज (30) अपने ही जैमर वाहन नं. डीएल 2सी ए2 1943 में पुलिस स्कार्ट की वाहन नं. यूपी 61 जी 0434 द्वारा पीछे से भिड़ जाने से बुरी तरह चोटिल हो गये। घटना शनिवार की देर रात करीब 10.30 बजे बिल्थरारोड-नगरा मार्ग पर मोहम्मदपुर अंधा मोड़ के पास बने स्पीड ब्रेकर पर हुई। घटना के तत्काल बाद सूचना पर 100 डायल पुलिस के अलावे नगरा थाने के कोतवाल यादवेन्द्र पाण्डेय सदल बल मौके पर पहुंच गये और तत्काल वहां से 108 एम्बुलेंस वाहन से उपचारार्थ दोनों चोटिल जवानों को सीएचसी सीयर में दाखिल कराया। इस घटना में पुलिस स्कोर्ट वाहन का अगला व जैमर वाहन का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।जानकारी के अनुसार गाजीपुर से एसपीजी के जवानों की टीम एक सूमों वाहन में सवार होकर कुशीनगर के लिए जा रही थी। सूमो के आगे पीएम सुरक्षा में लगी जैमर युक्त वाहन चल रही थी कि नगरा से आगे बढ़ने के बाद मोहम्मदपुर मोड़ के पास रेडियम इन्डीकेशन के बगैर बने स्पीड ब्रेकर पर जैमर वाहन के चालक ने अचानक ब्रेक लगा दिया। नतीजतन पीछे आ रही एसपीजी सुरक्षाकर्मियों का वाहन जैमर वाहन में भिड़ गया। इस घटना में दोनों वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये। रात्रि का वक्त होने के नाते वहां तत्काल 100 नम्बर की पुलिस सहित नगरा थानाध्यक्ष यादवेन्द्र पाण्डेय भारी पुलिस बल के साथ पहुंच गये। उनकी सूचना पर उभांव थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह ने चौकी प्रभारी सीयर योगेन्द्र सिंह सहित सीएचसी पर समुचित उपचार सुलभ कराने के लिए भी सदल बल पहुंच गये। अस्पताल परिसर पुलिस छावनी के रुप में तब्दील हो गया। फिर क्या था चिकित्सक डा0 अस्लम ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनों चोटिल लोगों को हायर सेन्टर के लिए रेफर कर दिया। चिकित्सा रिकार्ड के अनुसार अधिकारी संजय सिंह की दाहिनी बांह टूट गयी है। जबकि विजयराज को सिर व चेहरे पर गम्भीर चोटे आयी हैं। नगरा थानाध्यक्ष के कोतवाल ने एसपीजी के सतीश चन्द यादव की तहरीर पर इस घटना की इन्ट्री अपने जीडी में अंकित की है।
और खुल गयी विभागीय पोल
बलिया। रेडियम युक्त स्पीड ब्रेकर के अभाव ने देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगी एसपीजी टीम के एक अधिकारी व एक सदस्य चोटिल हो गये। इससे विभागीय लापरवाही खुल कर उजागर हो गयी। काश ! सम्बन्धित विभाग के अधिकारी यदि रेडियम से स्पीड ब्रेकर का इन्डीकेशन बनवाये होते तो शायद यह घटना न होती। अब यह सामान्य सी सोच पर विचार किया जा सकता है कि प्रतिदिन कितने लोग चोटिल होते होगें। सूचना तो यह भी है कि जनपद में किसी मार्ग पर रेडियम युक्त स्पीड ब्रेकर नही हैं। कितने ब्रेकर तो अनावश्यक भी बनाये जा चुके है। अब देखना है कि विभाग कितना चौतन्यपूर्ण तरीके से सुरक्षा का कदम उठाता है। विभाग तो इतना लापरवाही पूर्ण रवैया अपना रहा है कि जंगली खर पतवारों से सड़क सहित सड़क की पटरी तक ढक चुकी है।
By-Ajit Ojha
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