बलिया में भी कहर बरपायेगा 'फैनी' ?
3 मई, को इस तुफान की गति 60 - 70 किमी० प्रति घण्टे हो जायेगी और संभावना है कि यह लगभग 80 किमी० प्रति घण्टे की गति प्राप्त कर लेगा और आगे बढ़ते हुए उड़ीसा एवं प० बंगाल के आंतरिक भागों में पहुँच कर कुछ तबाही मचायेगा।
मौसम विभाग के अनुसार प० बंगाल के गंगा घाटी क्षेत्र मे यह तूफान 40 - 50 किमी० प्रति घण्टे की गति से आगे बढ़ते हुए पुनः 60 किमी० प्रति घण्टे की गति प्राप्त कर लेगा। किन्तु 4 मई को इस " फानी" तुफान की गति बढ़ जायेगी और यह 90 - 100 किमी0 की गति से आगे बढ़ते हुए यह 115 किमी० की गति प्राप्त कर लेगा। इसके बाद यह तूफान आगे बढ़ते हुए प० बंगाल के गंगा घाटी क्षेत्र के अन्य जिलों में 60 - 70 किमी० प्रति घण्टा की गति से आगे बढ़ते हुए 80 किमी० प्रति घण्टे की गति प्राप्त कर सकता है। किन्तु 3 मई 2019 को इस तूफान की गति 175 - 185 किमी० प्रति घण्टे भी हो सकती है और संभावना है कि इसकी गति बढ़कर 205 किमी० प्रति घण्टे भी हो सकती है , जिससे काफी नुकसान हो सकता है।
मौसम विभाग की सूचना के अनुसार " फानी" नामक यह तूफान न केवल आंध्र - प्रदेश, उड़ीसा एवं प०-बंगाल में तबाही मचायेगा, बल्कि आगे बढ़ते हुए इसका असर छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार एवं उत्तर- प्रदेश खासतौर से पूर्वी उत्तर- प्रदेश के क्षेत्रों में भी पड़ सकता है।
मौसम विभाग की बुलेटिन के अनुसार इस समुद्री तूफान द्वारा न केवल भारत के पूर्वी समुद्रतटीय क्षेत्रों में काफी तेज हवाएँ चलेंगी एवं मध्यम से तेज वर्षा होगी, बल्कि आन्तरिक भागों में भी तूफानी हवाएँ चलेंगी एवं हल्की, मध्यम तथा कहीं- कहीं भारी वर्षा होगी और यह भारी वर्षा 7 - 11 सेण्टीमीटर तक हो सकती है।
जहाँ तक बलिया सहित उत्तर प्रदेश में इस तूफान के प्रभाव की बात है तो अपने राज्य के मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार भी इस क्षेत्र में खासतौर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में "फानी" तूफान का असर रहेगा और आँधी सहित हल्की से मध्यम वर्षा की भी सम्भावना 2, 3, एवं 4 मई को व्यक्त की गयी है। यह चेतावनी दी गयी है कि खासतौर से किसान अपने फसलों से सतर्क रहें, ताकि कमसे कम नुकसान हो सके।
इस प्रकार यह स्पष्ट है कि अगर यह "फानी" तूफान विशेष रूप से सक्रिय रहा तो एक तरफ जहाँ गरमी की तपिश से दो- चार दिनों के लिए राहत मिल सकती है ,वहीं दूसरी तरफ इससे प्रवाहित तेज हवाओं एवं वर्षा से नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। अतः इस तूफान से सतर्क एवं सावधान रहनू की भी आवश्यकता है ताकि कमसे कम नुकसान है।
By-Ajit Ojha
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