अपनी जान खतरे में डाल दूसरे की सुरक्षा करते दुबहर के पुलिसकर्मी
दुबहर/बलिया । दूसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लिए ,लोगों को जब अपने ही सुरक्षा की चिंता सताने लगे तो वह लोग किसी की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं । जी हां हम बात कर रहे हैं दुबहर थाने की जो पिछले कई वर्षों से एक किराए के जर्जर मकान में संचालित होता है । जो कभी भी धराशाई हो सकता है अपनी जान को हथेली पर लेकर दिनरात जनता की सेवा करने वाले इन पुलिसकर्मियों को बरसात के समय अपने दफ्तर के सरकारी रिकॉर्ड बचाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ता है वहीं छतों से गिरने वाले पानी के कारण इनके आवश्यक कागजात कम्प्यूटर और कपड़े खराब हो जाते हैं । जिन्हें हमेशा चिंता सताती रहती है कि कब थाने के छत की दीवार गिर जाए और कोई भीषण दुर्घटना न हो जाए । यह कोई बता नहीं सकता ।कई बार थाने के अधिकारियों ने इसकी सूचना जिला मुख्यालय पर पुलिस के अधिकारियों को दी गई पुलिस अधिकारियों ने थाने का मुआयना भी किया लेकिन आज तक इस जर्जर थाने के निर्माण की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई । जबकि यह कटु सत्य है कि इस जर्जर मकान के गिरने से भारी तबाही भी हो सकती है । क्षेत्र के लोगों के साथ पुलिसकर्मियों ने भी थाना भवन के निर्माण की दिशा में उचित पहल करने की मांग की है ।
रिपोर्ट शिव जी गुप्ता
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