डाक्टरों के अभाव में बदहाल हुआ मिनी जिला अस्पताल
सिकन्दरपुर,बलिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों की कमी से मरीजों व अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से मिनी जिला अस्पताल कहे जानें वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर में डाक्टर की कमी के कारण क्षेत्र भर से आए मरीजों को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में ;सीएमओद्ध बलिया द्वारा डाक्टर राकिफ अख्तर का तबादला किया जाना अब मरीजों पर भारी पड़ रहा हैं। दूसरी तरफ अभी तक खाली जगह पर किसी को भेजा भी नहीं गया जिससे कि मरीजों का इलाज हो सके। सिकन्दरपुर हास्पिटल में पहले से ही डाक्टरों की भारी कमी थी हास्पिटल में सात डाक्टरों जरूरत है,लेकिन बच्चों के डाक्टर एके तिवारी को छोड़ दिया जाए तो बचे सिर्फ तीन डाक्टर ही अब तक मरीजों को देख रहे है। ऊपर से डाक्टर राकिफ अख्तर के तबादले से पिछले एक सप्ताह से खाली जगह पर कोई भी डाक्टर नहीं आनें के कारण एक चिकित्सक को 31 घण्टे ड्यूटी करना पड़ रहा है। जिससे डाक्टर खुद तनाव व डिप्रेशन के शिकार हो रहे है।
उपेक्षा के दंश से बीमार हुआ हास्पिटल
सिकन्दरपुर हास्पिटल में सफाई कर्मियों की कमी है। इतनें बड़े हास्पिटल में सिर्फ दो सफाई कर्मी ही हैं जबकि कमसे कम 4 होनें चाहिएं। लाईट न रहनें पर जनरेटर चलता ही नहीं । महीनों से आरो खराब पड़ा है।मशीन को रिपेयरिंग करने के बाद भी गंदा व दूषित पानी निकलता है जिसके कारण मरीजों व उनके अभिभावकों को शु( पानी नहीं मिलता।
बिजली की कमी से एक्सरे नहीं होता मरीजों को कईं कईं दिनों तक आना जाना पड़ता है।दूसरी तरफ एक्सरे फिल्म एवं एक्सरे का केमिकल न मिलने से एक्सरे का कार्य बाधित हो रहा है। लैब ;पैथोलाजीद्ध में जांच से जुड़े समान न मिलने के कारण से जांच के कार्य प्रभावित हो रही है। दवाओं का घोर अभाव है हास्पिटल में ज्यादातर दवाओं की कमी के कारण मरीजों को बाहर की महंगी दवाओं को लेना पड़ रहा है।हास्पिटल के ज्यादातर जगहों पर वाटर सप्लाई नहीं होने से कार्य बाधित हो रहा है।
By-Sk Sharma
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