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वतन की याद में मॉरिशस के उच्चायुक्त ने छनवाई गांवों की खाक




मुरली छपरा(बलिया)। अपना वतन सबको प्रिय होता है एक नही पांच पांच पीढ़ी बितने के बाद भी घर और वतन की याद यह दर्शाति है कि अपना वतन आखिर अपना ही होता है। दोकटी थाना क्षेत्र के सावन छ्परा गांव से पांच पीढ़ी पहले मारीसस सरकार के राजदूत (उच्चायुक्त) धनीलाल सिबू के पूर्वज देश छोड़ कर गरीबी मे मारीशस चले गये। आज जब धनी लाल सिबू वहां पर समर्थवान हुए तो उन्हें वतन की याद आई तो उन्होंने लगभग एक दर्जन शुभ चिन्तकों को विभिन्न प्रान्तो से भेज कर अपना गांव, जिला, परगना खोजवाना शुरू किया।इस क्रम में सोमवार को दिल्ली से मंजीत कुमार, नेहा प्रकाश, छपरा के जैतपुर निवासी प्रो.ओमप्रकाश सिंह, मुनिल सिंह, मसरख के अरुण सिंह, पटना के केबी सिंह ने कई दिनो के सर्वे के बाद उनका घर और गांव खोज ही लिया। 

टीम ने बताया कि अब गावं मिल गया है। हमारे रिपोर्ट भेजने के दो महिना बाद मारीशस सरकार के उच्चायुक्त अपने गावं आयेगें।उच्चायुक्त ने बताया था कि मेरा जिला गाजीपुर है। परगना द्वाबा और गांव सावन छ्परा में पूर्वजों ने बताया था।इसी जानकारी पर टीम सर्वे कर रही थी। गावं में पहुंचने पर लोगों ने बताया कि पहले इस जिले का नाम गाजीपुर ही था। बाद में जिले का बटंवारा हुआ तो बलिया बना। उस परिवार की सावन छपरा निवासीनी 107 वर्षिय लक्ष्मीना देवी पत्नी स्व.नन्दन राम, रामसागर मौर्य, शम्भू नाथ मौर्य ने बताया कि हमारे पूर्वज गरीबी के कारण घर से कहीं बाहर कमाने गये थे, लेकिन हम लोगों को पता नहीं कि कहा चले गये।लेकिन टीम के सामने बताया कि हमारे परिवार के ही लोग है। मारीशस उच्चायुक्त के खोजी टीम के दो सदस्य मंजीत और नेहा मारीशस आते जाते रहते है। उन्हीं के प्रयास से उच्चायुक्त का पैतृक गावं, घर, जिला मिल पाया है। टीम के रिपोर्ट पर शीघ्र उच्चायुक्त की वतन वापसी होगी। सर्वे के दौरान शिक्षामित्र सगंठन के जिला मन्त्री पंकज सिंह, मनीष सिंह, संजय मौर्या सहित दर्जनों महिला पुरुष मौजूद रहें।


रिपोर्ट विद्याभूषण चौबे

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