मानसूनी बारिश से बुझी धरती की प्यास, खिले किसानों के चेहरे
रसड़ा (बलिया)। शनिवार को सुबह से शाम तक जनपद के सभी तहसीलों में मौसम की पहली झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए वहीं भीषण गर्मी व उमस से लोगो को काफी राहत मिली है। पानी के बगैर बेहाल पशु पक्षियों को भी प्रकृति ने जीवन दान दे दिया है। हालाकि पहली बरसात ने गांवों व नगरपालिका क्षेत्र की साफ सफाई की पोल खोल दी है लेकिन घंटो हुए मूसलाधार बारिश से सालो से जमे नाबदान के कीचड भी साफ हो गए है। खेतो में किसानों के पड़े बेहन डूब गए वहीं बारिश होते ही सूखे पड़े हैंडपंप भी पानी देने लगें है। ताल तलैया खेतों में भी जल से लबालब हो गए है।
मौसम विभाग की समस्त अटकलों को खारिज करते हुए शुक्रवार की आधी रात से क्षेत्र में शुरू हुई बारिश शनिवार को शाम तक जमकर बरसी। बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। घंटो हुए बरसात से जहा सड़कों पर आवागमन ठप है, वहीं नगर की दुकानों सहित माल भी सुनी सुनी रही । दिनभर ग्राहक नहीं दिखाई पड़े।इस सबके बावजूद लोगों को भीषण गर्मी से काफी राहत मिली है। किसानों के चेहरे भी खिले हुए दिखें। किसानों की माने तो ऐसी बरसात चार दशक पूर्व हुई थी। जब पहली ही बरसात में तालाब एवं खेत जल से लबालब हो जाते थे। किसानों का मानना है कि धान की अच्छी फसल की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि खेतों में भी पानी जमा होने के कारण धान की बेहन डूब गई है।भारी बरसात ने रसड़ा सीएचसी सहित नगरपालिका क्षेत्र के साफ सफाई की पोल खोल दी है। जल निकासी की अच्छी व्यवस्था नहीं होने से प्रमुख सड़कों पर भारी जलजमाव देखा गया ।
रिपोर्ट पिन्टू सिंह
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