महंगाई की मार : थाली से दूर हुई सब्जियां
रसड़ा (बलिया)। मानसूनी बारिश के वजह से गरीबों के थाली से हरी सब्जियां दूर हो गयी है। ज़ी हां इन दिनों सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है। जून महीने तक झोला भरकर ले जाने वाले ग्राहको का सब्जियों का भाव जुलाई माह में जानकारी लेत ही ग्राहकों क माथा ठनक जा रहा है। सब्जी की दुकानों की भीड़ इन दिनों नदारद है वहीं गरीबो की थाली से हरी सब्जी गायब हो गई है। बाजारों में बारिश से पूर्व प्याज का भाव 16 रुपए प्रति किलो था, अब 25 रुपए हो गया है। इसी तरह लहसुन 80 से 100 रुपए प्रति किलो, टमाटर 40 से 60 रुपए मिल रहा है वहीं परवल, भिंडी व लौकी के भाव दुगुने चढ़ गए है। परवल 40 से 80, भिंडी 30 से 60, लौकी 15 से 30 रुपए बिक रही है। बरबट्टी 40 से 60 के भाव मिल रही है। बाजार में हरी मिर्च एवं अदरक के भाव आसमान छू रहे है। मिर्च 80 से 120 रू पहुंच गया था तो अदरक 120 से 200 रू प्रति किग्रा बिक रहा है। खीरा , करेली, कटहल के भाव भी डेढ़ से दुगुने चढ़ गए है। कटहल 20 से 40, करैली 40 से 60 एवं खीरा 30 से 40 रू किलो के भाव मिल रहा है। पहले की अपेक्षा बाजार में सब्जियों की आवक भी कम हो गई है। बरसात ने परवल, लौकी, बरबट्टी, हरी मिर्च, करैली, खीरा को काफी नुकसान पहुंचाया है। पहाड़ी क्षेत्रों से आ रही सब्जियां ही बाजारों में उपलब्ध है। क्षेत्र में सब्जी की खेती पूरी तरह से नष्ट हो गई है। वहीं सब्जियों का राजा आलु इन दिनों सभी के थालियों की शोभा बढ़ा रहे हैं ।
रिपोर्ट पिन्टू सिंह
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