Kali Maa Pakri Dham

Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

बाजारीकरण की शिकार हुई गंगा, सरकारी संवेदना घेरे में


बलिया । अन्तर्राष्ट्रीय बाजारीकरण की शिकार पतित पावनी गंगा के प्रति सरकारी संवेदना आलोचना के घेरे में है। गंगा प्रदूषण की व्यथा से विचलित गंगा मां के दर्द निवारण की हर कसरत असफल हो रही है। नमामि गंगे योजना में भी अनियमितता चरम पर है, जरूरत है विश्व की धरोहर तथा पर्यावरण की प्रबल पूंजी गंगा के नाम पर हो रहे खर्च की विधि सम्मत जांच की जाये। उक्त बातें गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने रविवार को मिश्रनेवरी स्थित आध्यात्मिक चिन्तन संस्थान कार्यालय पर गंगा मुक्ति अभियान की समीक्षा बैठक में पदाधिकारियों के बीच कही। कहा, गंगा को इंसाफ नहीं मिल रहा है। गंगा मंत्रालय का नाम, जल शक्ति मंत्रालय रखने को भी श्री तिवारी ने समझ से परे बताया तथा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सुझावों पर अमल करने की मांग की। गंगाजल से विजली बनाने को औचित्य हीन बताया तथा गंगा को 1916 के पूर्व की स्थिति में लाने के लिए संवैधानिक व्यवस्था करने की मांग केन्द्र सरकार से की। बैठक की अध्यक्षता डॉ0 हरेन्द्र यादव तथा संचालन छात्रनेता शुभम मिश्र ने किया। इस अवसर पर अजय पाल सिंह, विवेक पाण्डेय, अजय गिरि, चन्दन यादव, वृजकिशोर तिवारी, गुड्डू मिश्र, ऋषिकेश चतुर्वेदी, ब्रजभूषण पाण्डेय, अशोक यादव सहित कई गंगाभक्त उपस्थित रहे। अन्त में गंगा मुक्ति सेना के जिलाध्यक्ष मनीष कुमार सिंह ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया।


By-Ajit Ojha

No comments