स्वास्थ्य विभाग की मनमानी से वेंटिलेटर पर गया पीएचसी, होने लगी आंदोलन की सुगबुगाहट
रतसर ( बलिया)। जनपद के सबसे पुराने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शुमार स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अस्तित्व को खत्म करने की पूरी तैयारी स्वास्थ्य विभाग ने कर ली है। यहां तैनात चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की मानें तो आने वाले कुछ दिनों में ही इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर संचालित सभी स्वास्थ्य सुविधाएं कस्बा से दो किलोमीटर दूर नव निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संचालित होगी। अबतक स्वा.केंद्र का कार्यालय सीएचसी भवन में स्थानांतरित हो चुका है। कुछ दिनों में ही सब कुछ सीएचसी पर शिफ्ट हो जायेगा। यह जानकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा.केशव प्रसाद ने दी है। बताया कि सीएमओ व जिलाधिकारी के आदेश पर ऐसा किया जा रहा है। जब उनसे आदेश की कापी दिखाने को कहा गया तो वह बहाना बनाते नजर आये। डा.केशव प्रसाद ने बताया कि प्रा.स्वा.केंद्र का भवन जर्जर होने के कारण बीते कई साल से स्वास्थ्य सेवाएं बहाल रखने में बड़ी दिक्कत हो रही थी। 25 मई 2019 को कार्यदायी संस्था द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को विभाग को सौपे जाने के बाद से ही पीएचसी को सीएचसी पर शिफ्ट करने की कवायद शुरू कर दी गई है। दूसरी तरफ प्रा.स्वा.केंद्र की सेवाएं बंद करने की खबर से ही क्षेत्रवासी आक्रोशित है। लोग शासन की मंशा पर ही सवाल उठाते नजर आ रहे है। लोंगो का कहना है कि सीएचसी को मानक के अनुरूप सुसज्जित कर उसका लोकार्पण हो। पीएचसी को ही वहां स्थानांतरित कर कैसे स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर की जा सकती है। इस संबंध में ग्राम प्रधान स्मृति सिंह ने कहा है कि पीएचसी वर्तमान की तरह भविष्य में भी अपनी सेवाएं जारी रखे। इसके लिए जिलाधिकारी सहित संबंधित उच्चाधिकारियों से बात की जायेगी। अगर विभाग मनमानी करेगा तो पीएचसी के लिए सड़क पर उतर कर आंदोलन किया जायेगा। पूर्व प्रधान नईम अख्तर , समाजसेवी अजीत गुप्ता, पूर्व प्रधान डा.मदन राजभर सहित आसपास के गांवों के लोंगो ने स्वास्थ्य विभाग के इस निर्णय पर आपत्ति जताई है। चेताया है कि यह अनुचित फैसला है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए अलग से चिकित्सकों की नियुक्ति किया जाय । ऐसा ना होने पर लोग सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।
रिपोर्ट धनेश पाण्डेय
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