Kali Maa Pakri Dham

Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

हाल सरकारी स्कूलों का : रजिस्टर में हो रही बच्चों की पढ़ाई उपस्थिति नगण्य

रसड़ा (बलिया)। देश का भविष्य बच्चों के साथ खिलवाड़ करने का शिक्षकों का रश्म बहुत पुराना है। इनके रवैये के कारण आज लम्बे समय से जनपद का विकास थम सा गया है। इसी संदर्भ में  परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की लापरवाही पर ध्यान रखने के लिए शासन स्तर से कई तरह के प्रावधान किए गए हैं। पहला यह कि कक्षा शुरू होने से पहले शिक्षक बच्चों के साथ सेल्फी लेकर अपने  अधिकारी को भेजेंगे। वहीं अधिकारियों के लिए यह विकल्प दिया गया है कि वह विद्यालय अवधि में कभी भी किसी विद्यालय के प्रधानाध्यापक या शिक्षक के मोबाइल पर काल कर, वहां मौजूद बच्चों से भी बात कर मौके की स्थिति की जांच पड़ताल करेंगे।
मगर पूर्वांचल के पूर्वी छोर पर बसा बलिया में दूर दूर तक निर्देश नहीं दिखाई पड़ रहा है । इसके बावजूद शैक्षणिक हालत सुधरते नहीं दिख रहे हैं। शिक्षकों की लापरवाही अब भी बेहिसाब ही चल रही है। पठन-पाठन की बेहतर स्थिति नहीं होने के कारण ही बच्चें नामांकन की संख्या के अनुसार स्कूल में नहीं पहुंच रहे हैं। जनपद के 62 फीसद प्राथमिक माध्यमिक विद्यालयों की रिपोर्ट कहती है कि रजिस्टर में जितने बच्चों के नामांकन हैं उसके अनुपात में विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति हर दिन नहीं हो पा रही है। हालांकि  कई अन्य जनपदों में स्कूल से सेल्फी लेकर मुख्यालय को भेजने का फरमान वहां के बीएसए जारी किए हैं। वहीं  बलिया जनपद में तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ही अभी कोई नहीं आए हैं । 

सोमवार को अखण्ड भारत न्यूज़ संवाददाता ने रियालटी चेक किया तो शिक्षा व्यवस्था के मामले में शिक्षक शिक्षिकाओं की  भी लापरवाही कम नहीं है। उदाहरण के तौर पर रसड़ा शिक्षा क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय  मंन्दा  को लिया जा सकता है। यहां पर एक प्रधानाध्यापिका सहित दो सयायक अध्यापिका व एक सहायक अध्यापक हैं सोमवार को सुबह 8.40 बजे तक सहायक अध्यापिका पूनम भारद्वाज नहीं पहुंची थी। बच्चें मैडम का इंतजार कर रहे थे। प्रधानाध्यापिका से पूछा मैडम क्लास  खाली है  अभी तक दोनों मैडम नहीं आई है तो उन्होंने कहा कि मैडम का रिक्शा चालक बाबा धाम गया है।  लेकिन यहां पर बताते चलें कि कक्षा 6 में 39, कक्षा 7 में 36 व कक्षा 8 में 42 नामांकन हैं। सोमवार को छात्रों की उपस्थिति 6 में 16 , 7 में 16 व 8 में 13 रही। यानि कि  छात्रों के नामांकन संख्या के अनुपात में 45  छात्र उपस्थित रहे । मगर हुजूर एमडीएम 69 भरा जा रहा है । इस पूरे मामले पर खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रभात श्रीवास्तव को अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि मैं अभी बाहर हूं आतें ही जांच कर कार्रवाई करेंगे। 


 ऐसे  लापरवाह प्रधानाध्यापिका सहित शिक्षिका पर कार्रवाई की जाएगी या फिर सिर्फ खानापूर्ति यह तो भविष्य के गर्भ में है। लेकिन  अतीत के पन्नों को पलटने पर ऐसा प्रतीत होता है कि मोटी तनख्वाह लेकर बच्चों के भविष्य से खेलने वाले लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई भी साधारण ही होती रही है। पठन-पाठन पर ध्यान नहीं देने या विद्यालय से अनुपस्थित पाए जाने पर उनके एक दिन का वेतन रोक लिया जाता है। अभी हाल ही में जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगरौत के औचक निरीक्षण में लगभग जनपद के दो दर्जन विद्यालयों में अनियमितता मिली थी, लेकिन उन पर कार्रवाई के नाम पर कारण बताओ नोटिस और एक दिन का वेतन का काटने का निर्देश दिया गया। इससे लापरवाह शिक्षकों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह दो-चार दिनों के बाद पुन: उसी राह पर चलने लगते हैं। सबसे बड़ी बात यह कि प्रबंध समिति के अध्यक्ष या अन्य सदस्य भी इसकी कोई निगरानी नहीं रखते। जबकि प्रत्येक विद्यालय में समिति का गठन फाइलों में इसलिए ही हुआ है कि वे संबंधित विद्यालय के पठन-पाठन से लेकर सभी बिदुओं की निगरानी रखें।    


रिपोर्ट पिन्टू सिंह

No comments