न्याय के लिए स्वास्थ्य महकमे के समंदर में ‘कुसुम’ ने उछाली पर्ची
बलिया। वैसे तो आम दिनों में जनता सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों पर लापरवाही के कारण मौत होने का आरोप लगाती रहती है। लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा के चिकित्सक पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कुसुम देवी पत्नी लाल बदन निवासी लोहारिया लहसनी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्रेषित शिकायती पत्र दिया है, जिसमें जिक्र है कि उसकी पुत्री अंशु को तेज बुखार और उल्टी की शिकायत होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा के चिकित्सक डाक्टर एसके गुप्ता के आवास पर ले जाकर अपनी पुत्री को दिखाया, जहां डाक्टर साहब ने दवाई लिखी और आवास पर मौजूद वार्ड बाय अशोक यादव से उनकी पुत्री को इंजेक्शन लगवा दिया।
बावजूद इसके उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ तो पुनः 14 जून को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची और चिकित्सक से अंशु के तकलीफ के बारे में बताया तो उन्होंने उक्त पर्ची के पीछे बाहर की दवा लिखकर कहा कि चलिए। फिर भी जब कोई सुधार नहीं हुआ तो विवश होकर वह अंशु केा स्वास्थ्य लाभ के लिए उसे निजी चिकित्सक के यहां ले गई, जिसने इंजेक्शन लगे स्थान पर इनफेक्शन की वजह से फोड़ा हो जाने की बात करते हुए उसका उपचार आरंभ कर दिया, जिसमें तकरीबन 20 हजार अधिक का खर्च हुआ,तब जाकर उसकी जान बचाई जा सकी। लेकिन आज भी वाह चलने से मजबूर है। कुसुम देवी ने डाक्टर एसके गुप्ता पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके विरु( सख्त कार्रवाई किए जाने की मुख्य चिकित्सा अधिकारी , जिलाधिकारी और प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। देखना यह है के स्वास्थ्य विभाग के समंदर में उसकी गुहार खो जाती है अथवा उसे न्याय मिल पाता है।
रिपोर्ट- मुशीर जैदी
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