चार दिन में दर्जनभर आवारा मवेशियों की मौत, छह गौशाला से भागे
मुरलीछपरा (बलिया)। विकासखंड मुरली छपरा के ग्राम पंचायत सोनबरसा अन्तर्गत भगवानपुर गांव में बने गोशाला में रह रहे गोवंशो में चार दिनो के अंदर एक दर्जन गोवंश की मौत हो गयी है। जबकि आधा दर्जन गोवंश गौशाला से भाग गए है।
भगवान पुर में स्थित गोशाला में एक सप्ताह पहले 132 गोवंश थे। 4 दिन के अन्दर एक दर्जन गोवंश की दुर्व्यवस्था के कारण काल के गाल में समा गए है। जबकि करीब आधा दर्जन गोवंश कटीले तार की चाहर दिवारी टूटने के कारण भाग गए है। इस संदर्भ में गोवंश मवेशियों की देखरेख में तैनात बलदेव यादव, किशन देव यादव, जयप्रकाश यादव व सुनील यादव ने बताया कि चारदिवारी ठीक न होने के करण गोवंश मवेशी बाहर निकल जा रहे हैं, वही रहने के लिए जो शेड बनाया गया है, उसमें मुश्किल से 15-20 गोवंश ही रह सकते हैं। जबकि उसी सेट में 132 गोवंश रह रहे हैं। ऐसी स्थिति में गोवंश मवेशी सुरक्षित रहे, यह मुमकिन नहीं है, वहीं दूसरी तरफ मुरलीछपरा के पशुचिकित्सा अधिकारी डॉक्टर लालजी ने बताया कि गोवंशो की मौत का कारण अधिक वर्षा है। गोवंश मवेशियों के भागने के सवाल पर उनका कहना है कि गौशाला की चहारदीवारी टूट गई है। इस कारण बड़े गोवंश भाग जा रहे है। उधर ग्रामीणों का कहना है कि गोवंश मवेशियों की मृत्यु और दफ़नानाने के कारण वहाँ दुर्गंध आ रही है।
सीडीओ ने व्यवस्था दुरुस्त करने का दिया था निर्देश
मुरलीछपरा। ग्राम पंचायत सोनबरसा के भगवानपुर स्थित गौशाला का औचक निरीक्षण करने आए सीडीओ ने खंड विकास अधिकारी प्रभात कुमार सिंह को निर्देशित किया था कि यहां के दुर्व्यवस्था ठीक करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं, जिसमें गोवंश को रहने के लिए शेड, भूसा, पानी के लिए बड़ा हौदा एक साथ 35 पशुओं खाने के लिए चरन आदि का निर्माण करने के लिए निर्देशित किया था। आखिरकर दुर्व्यवस्था के कारण है 12 गोवंश मवेशियों की मौत हो गई।
रिपोर्ट विद्या भूषण चौबे
भगवान पुर में स्थित गोशाला में एक सप्ताह पहले 132 गोवंश थे। 4 दिन के अन्दर एक दर्जन गोवंश की दुर्व्यवस्था के कारण काल के गाल में समा गए है। जबकि करीब आधा दर्जन गोवंश कटीले तार की चाहर दिवारी टूटने के कारण भाग गए है। इस संदर्भ में गोवंश मवेशियों की देखरेख में तैनात बलदेव यादव, किशन देव यादव, जयप्रकाश यादव व सुनील यादव ने बताया कि चारदिवारी ठीक न होने के करण गोवंश मवेशी बाहर निकल जा रहे हैं, वही रहने के लिए जो शेड बनाया गया है, उसमें मुश्किल से 15-20 गोवंश ही रह सकते हैं। जबकि उसी सेट में 132 गोवंश रह रहे हैं। ऐसी स्थिति में गोवंश मवेशी सुरक्षित रहे, यह मुमकिन नहीं है, वहीं दूसरी तरफ मुरलीछपरा के पशुचिकित्सा अधिकारी डॉक्टर लालजी ने बताया कि गोवंशो की मौत का कारण अधिक वर्षा है। गोवंश मवेशियों के भागने के सवाल पर उनका कहना है कि गौशाला की चहारदीवारी टूट गई है। इस कारण बड़े गोवंश भाग जा रहे है। उधर ग्रामीणों का कहना है कि गोवंश मवेशियों की मृत्यु और दफ़नानाने के कारण वहाँ दुर्गंध आ रही है।
सीडीओ ने व्यवस्था दुरुस्त करने का दिया था निर्देश
मुरलीछपरा। ग्राम पंचायत सोनबरसा के भगवानपुर स्थित गौशाला का औचक निरीक्षण करने आए सीडीओ ने खंड विकास अधिकारी प्रभात कुमार सिंह को निर्देशित किया था कि यहां के दुर्व्यवस्था ठीक करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं, जिसमें गोवंश को रहने के लिए शेड, भूसा, पानी के लिए बड़ा हौदा एक साथ 35 पशुओं खाने के लिए चरन आदि का निर्माण करने के लिए निर्देशित किया था। आखिरकर दुर्व्यवस्था के कारण है 12 गोवंश मवेशियों की मौत हो गई।
रिपोर्ट विद्या भूषण चौबे
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