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पूर्व प्रधान हरि प्रसाद सिंह के वंशज खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर

मनियर, बलिया।  थाना क्षेत्र के घाटमपुर में ईंट की खपरैल मकान  गिरने  से पूर्व प्रधान हरि प्रसाद सिंह के वंशज खुले आसमान के नीचे  जीवन यापन करने को मजबूर है ।उनकी ईंट की बनी खपड़ैल मकान भरभरा कर शनिवार के दिन तीन बजे  गिर गयी।कुछ हिस्सा बचा है जिसमें उनके बड़े पुत्र बालेश्वर सिंह का पूरा परिवार मकान में रहता है जबकि गिरे मकान में प्रधान के पुत्र नागेश्वर सिंह पुत्र हरी प्रसाद सिंह अपनी पत्नी हिरामुनी सिंह एवं पौत्र संतोष कुमार सिंह पुत्र बालेश्वर सिंह  पत्नी आभा सिंह के साथ रहते थे । आजादी के बाद से करीब 20 वर्षों तक हरी प्रसाद सिंह प्रधान रहे जिनके उपरोक्त लोग वंशज है जबकि उनके दो पुत्र चंद्रशेखर सिंह एवं जलेश्वर सिंह अलग मकान बना लिए हैं । आज भी 108 वर्षीय पूर्व प्रधान हरिप्रसाद सिंह जिंदा है जो आजादी के पूर्व अंग्रेजी हुकूमत की दास्तान बतौर सुनाते हैं ।बालेश्वर सिंह एवं नागेश्वर सिंह व संतोष सिंह पुत्र बालेश्वर सिंह का परिवार उक्त मकान में रहता था।हरी प्रसाद सिंह लगभग आजादी के बाद ग्राम पंचायत सरवार ककरघट्टी के 20 वर्षों तक प्रधान रहे  जो अब घाटमपुर अलग  ग्राम पंचायत बन गया है ।उनके बाद उनके छोटे भाई शिवपूजन सिंह प्रधान बने जिनका देहांत क़रीब 1970 में हो गया। उनका कोई बाल बच्चा नहीं था। ईमानदारी के प्रतिमूर्ति प्रधान द्वय के बंशज आज बदहाली जीवन यापन करने को मजबूर है जो कि आज के दौर में आधुनिक सुविधाओं युक्त नये प्रधानों के लिए एक मिसाल है।

रिपोर्ट- राममिलन तिवारी

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