ग्रामीणों की मेहनत पर भारी पड़ी प्रशासनिक लापरवाही, टूटा रेगुलेटर, गांवों में भरने लगा पानी
सिकंदरपुर, बलिया। आखिर जिसका अंदेशा था वही हुआ। हरदिया बालूपुर रेगुलेटर के 3 फाटकों में से एक फाटक के टूट जाने से फाटक के ऊपर से पानी का बहाव हो गया है। जिससे लगभग दो दर्जन गांवों कू डूबने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं गांव के सैकड़ों लोगों ने अथक प्रयास करके बंधा बांधकर पानी को रोकने का असफल प्रयास किया है। परंतु पानी के निरंतर बढ़ते जाने से बंधे पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
लोगों ने अंदेशा लगाया है कि किसी समय पुल धराशाई हो सकता है। बंधे को बचाने में लगे ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। जिससे दर्जनों गांव के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने बताया कि दक्षिण के तरफ से नीचे से भुरका मारकर पुल को छेद कर पानी दूसरी तरफ तेज गति से बढ़ रहा है। जिस तरफ हरदिया, हरिपुर, जमालपुर, आदमपुर, गोसाईपुर, महथापार, उपाध्याय पुर, मुस्तफाबाद सहित कई गांव है। यदि पानी की रफ्तार नहीं रुकती है तो निश्चित ही ये गांव डूबने के कगार पर पहुंच जाएंगे। ग्रामीणों ने अपनी तरफ से बंधे को बचाने का भरपूर प्रयास किया है, लेकिन उनका कहना है कि जिस रफ्तार से पानी बढ़ रहा है शायद यह बंधा किसी भी वक्त धराशाई हो सकता है क्योंकि बंधे के ऊपर पानी का दबाव भी बढ़ता जा रहा है।
दर्जनों गांवों का अस्तित्व संकट में
सिकंदरपुर, बलिया। क्षेत्र के हरदिया बालूपुर रेगुलेटर के तीसरे फाटक के टूट जाने से दक्षिण के तरफ से पानी तेज गति से दूसरी तरफ जा रहा है। जिससे दर्जनों गांव के ऊपर डूबने का संकट मंडरा रहा है। इस दौरान मौके पर पहुंचे बहुजन समाज पार्टी के नेता राजनारायण यादव ने राजनीतिक और प्रशासनिक उपेक्षा का आरोप लगाया है। कहा कि बंधा टूट जाने के बावजूद भी प्रशासन के कानों तक जूं नहीं रेंग रहा है। जबकि क्षेत्रीय विधायक को अपने क्षेत्र की जनता से मिलने और उनके सुख सुविधाओं को आकर देखने का फुर्सत नहीं है। कहा कि सैकड़ों ग्रामीणों ने मिलकर किसी तरह से इस बंधे को बचाने का प्रयास किया है जो पूरी तरह से निर्थक साबित हो रहा है। अब थक हार कर वें अपने सामान को समेटने लगे हैं।
By-Sk Sharma
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