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नशा मुक्ति केन्द्र अब युवाओं को दिलायेगा मोबाइल से छुटकारा


-बच्चों को मोबाइल की लत से करेगा दूर

बलिया। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत जिला चिकित्सालयों में स्थापित मन-कक्ष को लेकर पत्र जारी किया गया है। पत्र में ‘आत्महत्या को रोकने के लिए ‘मोबाइल नशा मुक्ति’ इत्यादि नवीन मनोविकारों की रोकथाम हेतु सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये सभी जनपद के जिलाधिकारी/ अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति व् मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
स्वास्थ्य निदेशक मधु सक्सेना द्वारा जारी किए पत्र में बताया गया कि मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग करते-करते आजकल युवा, अवयस्क सहित प्रत्येक आयु वर्ग में एक नवीन रोग ने जन्म ले लिया है। मोबाइल का प्रयोग लोगों द्वारा इस हद तक किया जा रहा है कि उनकी आंखें भी शुष्क हो जा रही हैं। यदि बच्चों से मोबाइल ले लिया जाये या उन्हें मोबाइल प्रयोग करने से मना किया जाये तो वे आक्रामक हो जा रहे है। प्रायः ऐसा भी देखा गया है कि परीक्षाओं में कम अंक लाने, अनुत्तीर्ण होने, मोबाइल गेम्स खेलने एवं अन्य कारणों से लोगों में आत्म-हत्या की प्रवृत्ति भी बढ़ जाती है। सामन्यतः इनमें से अधिकार प्रकरणों को काउंसलिंग एवं आवश्यकतानुसार औषधियों द्वारा प्रथम चरण में ही उपचारित किया जा सकता है, जिससे कई बहुमूल्य मानव जीवन को बचाया जा सकता है।

उक्त पत्र में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से कहा गया है कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत डिस्ट्रिक काउन्सिलिंग सेंटर ;डीसीसीद्ध पर जिला चिकित्सालय में स्थापित मन-कक्ष में प्रदान की जा रही सुविधाओं के साथ-साथ ‘मोबाइल नशा मुक्ति’  एवं  ‘आत्महत्या रोकथाम’ की भी सुविधाएं ;काउसलिंग एवं आवश्यकतानुसार औषधियांद्ध भी उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करें।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. प्रीतम कुमार मिश्रा ने बताया कि स्वास्थ्य निदेशक के पत्र को संज्ञान में लेते हुये बहुत जल्द ही मोबाइल नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना जिला चिकित्सालय में की जाएगी। उन्होंने बताया कि मोबाईल के ज्यादा प्रयोग से सिर दर्द,  थकान,  बेचौनी, शारीरिक कमजोरी और नींद में अनियमितता का कारण बन जाता है जो स्वास्थ्य के लिये बहुत ही हानिकारक है।


By-Ajit Ojha

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