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फसल की क्षतिपूर्ति का आकलन नहीं होने से किसान परेशान




चिलकहर(बलिया)। विकास खण्ड चिलकहर के गांवो मे हुई बारिश से रोपे गये धान की फसलों का अब तक जिम्मेदार अधिकारियो द्वारा आकलन न कराये जाने से किसान परेशान है जिन किसानो के धान पुरी तरह डूब कर खराब हो गये हैं उन्हे कुछ सूझ नही रहा है अब जबकि पानी कम हो गया है खेतो मे इक्के दुक्के धान की नर्सरी दिख रही है ।               
जब बाजारों मे यह चर्चा हो रही है कि धान की फसल अभी 10% ही रोपी  गयी थी धान की खेती कियै हुये किसान परेशान हो जा रहे है वहीं हालात यह है कि अधिकतर खेत रोपे नही गये थे पर धान की नर्सरी खेतो में पानी जमा हो जाने के कारण खराब होकर सड़ गयी है अब जब खेतो से पानी उतर रहा है किसानो के समक्ष धान की नर्सरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है जबकि जिन किसानो ने धान की रोपनी कर डाली थी उनकी परेशानी भी बढ़ी हुई है कुल मिलाकर जिन किसानो के धान रोपे गये वह भी परेशान है तो जिनके न रोपे गये वह भी हैरान है कि अब क्या किया जाय जो किसान संसाधन वाले है वह तो कुछ जुगत लगा रहे है पर जिनके पास सिर्फ खेती ही सहारा है  उनके अरमानो पर वज्रपात सा हो गया है पर किसानो के खेती मे व्यापक पैमाने पर क्षति होने के बाद भी प्रशासनिक अमला मौन साधे हुये है।क्षेत्रीय जनो ने जिलाधिकारी बलिया का ध्यान आकृष्ट कराते हुये किसान हित मे धान की फसल से हुये नुकसान की व्यवस्था व मुआवजा की मांग की है।


 रिपोर्ट  संजय पांडे

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