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आमजन पर भारी पड़ा इंद्र देव का आशीर्वाद, जलमग्न हुए गाँव, चौपट हुई किसानी





सिकंदरपुर, बलिया। इंद्र देव की कृपा अब आम लोगों पर भारी पड़ने लगी है। लगातार हो रही बरसात से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तेज हवाओं के साथ हो रही बरसात की वजह से नगर सहित ग्रामीण इलाकों में दर्जनों पेड़ धराशाई हो गए हैं। वहीं घाघरा दियारांचल क्षेत्र का निचला हिस्सा बारिश के पानी से पूरी तरह जलमग्न हो गया है। तीव्र गति की हवाओं के साथ हो रही बरसात में विभिन्न कारणों से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। जिसकी वजह से लोगों को पीने के लिए पानी हेतु परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तहसील क्षेत्र के सिसोटर, गोसाईपुर, शेखपुर, आदमपुर, खरीद आदि गांव दियारा क्षेत्र में आते हैं। जहां स्थिति और भयावह होती जा रही है। वहीं घाघरा के जलस्तर में निरंतर वृद्धि होने से तटवर्ती क्षेत्र के लोगों का पलायन भी शुरू हो चुका है। क्षेत्र के कई गांव के अंदर पानी घुस जाने से लोग अपने आशियाने को छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। अब लोगों ने इंद्रदेव का प्रार्थना भी शुरू कर दिया है कि हे इंद्रदेव बहुत हो गया अब रहने दीजिए। इंद्र देव की कृपा आप आम लोगों पर भारी पड़ने लगी है। वहीं तेज हवाओं के साथ हो रही बरसात की वजह से नगर बाजार स्थित दुकानदारों को सखियों का सामना करना पड़ रहा है नगर के उर्दू मार्केट में घुटने तक पानी आ जाने से वहां की स्थिति और भयावह हो गई है। हवाओं के दबाव की वजह से दुकानों में पानी घुस जा रहा है तथा छिंटों के पानी से उनके सामान खराब हो जा रहे हैं। वहीं भारी बारिश के कारण चौराहे से लेकर बाजार तक कार्फ्यू की स्थिति प्रकट हो रही है। ऐसा लग रहा है मानों कर्फ्यू लगा हो। कारण की सड़कें पूरी तरह से सुन्न तथा दुकानें पूरी तरह से बंद है। लोग अपने घरों में दुबके पड़े हैं।

संकट : बारिश से बाधित हुई खेती


सिकंदरपुर, बलिया। लगातार हो रही भारी बारिश से जहां आम जनजीवन रुक गया है, वहीं किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। धान की नर्सरी पर बरसात का बुरा असर पड़ने की आशंका है। खेतों में पानी भर जाने से जहां रोपाई समेत अन्य कार्य बाधित हो गया है, वहीं धान की नर्सरी व रोपी गई फसल सड़ने का खतरा बढ़ गया है। बारिश से गांव, कस्बों में भारी जल जमा हो गया है। वहीं सड़कों से पानी ओवरफ्लो कर रहा है। जगह-जगह सड़कों पर पेड़ के गिर जाने से आवागमन भी बाधित हो रहा है। जिन किसानों ने खेतों में नर्सरी डाल रखा था बारिश शुरू होते ही उनके चेहरे खिले हुए थे, लेकिन अब वे ही किसान चिंता में डूब गए हैं। कारण कि अब उनके नर्सरी पर खतरा मंडरा रहा है।

By-Sk Sharma

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