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घाघरा ने किया गांवों का रुख तो खौफजदा हुए लोग, सतर्क हुआ प्रशासन

मनियर( बलिया)। लगभग एक सप्ताह से अनवरत हो रही मुसलाधार बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग तो परेशान हैं ही तेज बारिश होने से घाघरा नदी में लगातार जलस्तर में वृद्धि होने से तटवर्ती गांव के लोग भी दहशत में हैं। घाघरा के जल स्तर में वृद्धि व कटान क्षेत्र का रविवार को जायज लेने पहुचे तहसीलदार बाँसडीह गुलाब चन्द्रा ने ककरघटा खास सहित अन्य तटवर्ती पीड़ितों से रूबरू हुए। जिस तरह घाघरा का पानी उफान पर  लगातार बढता जा रहा है तो तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को अभी से बाढ़ के पानी व कटान से सामना करना पड़ेगा। लगातार बारिश से मनियर दियरा टुकड़ा नंबर दो में जलभराव हो गया है बहेरा नाला के उफान पर होने से मनियर दियरा टुकड़ा नंबर दो पिलूई, बहादुरा, निपनिया, गायघाट लेतरहा, पुरुषोत्तम पट्टी सहित आदि गांव के लोगों की मुसीबतें बढ गई है। परशुराम स्थान से पश्चिम जाने वाले अधिकांश मार्ग जल मग्न हो गया है मनियर चांदू पाकड़ सिनेमा हॉल से जाने वाले मार्ग से आवागमन कर रहे हैं घाघरा नदी अपने लाल निशान से नीचे बह रही है लेकिन पानी की धारा उफान पर होने से ककरघटा खास सांगापुर, दियारा टुकडा नंबर दो गोडवली ककरघटा खास सहित आदि लोगों की परेशानियां बढ़ सकती है। 

गौरतलब हो कि उक्त गावों को कटान से बचाने के लिए शासन स्तर से वर्षांत शुरू होने से पहले बोरीयो में बालू भर कर अस्थाई स्लोपिगं ठोकर बनाया गया है जिसमे ककरघटा गांव में 1 200 सौ मीटर, गोडवली में 250 मीटर, व सांगापुर में करीब डेढ़ सौ मीटर लम्बा व व गहरा 18 मीटर  का कार्य हुआ है जिससे तटवर्ती गांव के लोग राहत की सांस तो ले रहे हैं लेकिन जिस तरह पानी का जलस्तर बढ़ रहा यह कार्य कितना कारगर साबित होगा यह तो भविष्य के गर्व में है विदीत हो कि लोकसभा चुनाव से पूर्व संवेदनशील बूथों का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी बलिया भवानी सिंह खगारौत ने  कहा था कि कटान पिडीत गांवों  को बचाने के लिए बरसात का मौसम शुरू होने से पहले कार्य करा लिया जायेगा जिलाधिकारी की घोषणा तो रंग लाई और गांवों को बचाने की कटान कार्य पूरा कर लिया गया।लेकिन लगभग नव करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट से बने तीन स्लोपिगं ठोकर कितना कारगर साबित हो रहा है। 


रिपोर्ट राम मिलन तिवारी

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