Kali Maa Pakri Dham

Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

आखिर कब तक जवाबदेही से मुंह मोड़ेगें नपं के जिम्मेदार

file photo


मनियर, बलिया। नगर पंचायत मनियर के तीन अति महत्वाकांक्षी योजनाओं के कराये गये कार्य विगत दो वर्षों के अन्तराल में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का असली सच एकबार फिर से तब सामने आ गया जब लगभग 40 लाख की लागत से निर्मित मुक्तिधाम रविवार को जमींद्दोज हो गया । गौरतलब हो कि इस मुक्तिधाम का निर्माण लगभग दो वर्ष पूर्व ही नगर पंचायत के परशुराम स्थान के पीछे बहेरानाले के समीप कराया गया था । इस मुक्तिधाम की मांग स्थानीय लोगों द्वारा काफी वर्ष पहले से की जाती थी ।लगभग चालीस लाख की लागत से बने मुक्ति धाम 10 जून 2017 को ही इसका उद्घाटन भी हुआ था । शवदाह गृह के रुप में न केवल कस्बे बल्कि कस्बे के आसपास के लोग भी इसपर आश्रित थे । लोगों की मानें तो निर्माण कार्य के समय जिम्मेदारों द्वारा मानक व गुणवत्ता की अनदेखी के कारण ही ऐसा हुआ जिसके वजह से अपने निर्माण के लगभग दो वर्ष बाद ही मुक्तिधाम का एक बड़ा हिस्सा न केवल क्षतिग्रस्त हो गया बल्कि भरभरा कर गिर भी गया । 

लोगों का कहना है कि निर्माण के समय ही इसकी दीवारें कुछ जगहों पर फटने लगी थी । बताया जा रहा है कि मानक को लेकर तत्कालीन नगर पंचायत के जिम्मेदारों की कुंभकर्णी निद्रा पर कुछ समाजसेवियों ने उससमय सवाल भी उठाया था मगर स्थिति जस की तस ही बनी रही । लोगों में चर्चा इस बात को लेकर भी है कि आखिरकार क्यों एक के बाद एक नगर पंचायत के तीन अति महत्वाकांक्षी योजनाओं के निर्माणकार्य कुछ ही वर्ष में दम तोड़ गए जिसमें से मुक्तिधाम के साथ ही इसके समीप क्रमश: लगभग 20-20 लाख रुपये की लागत वाली योजनान्तर्गत निर्माणाधीन परशुरामकुंड का टूटना तथा पुरानी पानी टंकी के पास निर्मित शौचालय के फर्श का ध्वस्त होना भी शामिल है। निर्माणाधीन परशुरामकुंड का शिलान्यास 12 मार्च 2018 को हुआ। जिसकी दिवाल 5 अगस्त 2018 को छ:माह के भीतर भरभरा कर गिर गयी दिवार के टूटने के बाद नगर पंचायत में विकास कार्यों की जमीनी सच्चाई को लेकर काफी चर्चाएँ भी उठी थी जिसके बाद नगर प्रशासन ने ठेकेदार को नोटिस भी दिया था मगर एकसाल गुजरने के बावजूद उसकी मरम्मत अबतक नहीं की गई ।

 बताया जा रहा है कि इसमें से शौचालय को छोड़कर शेष दोनों कार्य एक ही ठेकेदार के द्वारा कराए गए है। बावजूद इसके टूटे परशुरामकुंड की सुधि अबतक न लिया जाना लोगों में हैरानी का विषय बना हुआ है।वहीं नगर पंचायत मनियर के पुरानी पानी टंकी के पास सन 20 1 7शौचालय बने जो एक साल के भीतर  अप्रैल 2018 मे फ्रस ध्वस्त हो गया। नगर पंचायत में विकास कार्यों के ऐसे हश्र के बीच टूटे शौचालय का बिना टेंडर व बिना बोर्ड से प्रस्ताव कराए ही तोड़कर बनवाना लोगों के बीच चर्चा का विषय भी है। ऐसे में यक्ष प्रश्न ये है कि जब निर्माण के समय ही मानक व गुणवत्ता को लेकर लोगों द्वारा उच्चाधिकारियों का ध्यानाकृष्ट कराते हुए समुचित कारवाई की मांग की गई उसके बाद भी स्थिति जस की तस क्यों बनी रही? यथार्थ के धरातल पर एक के बाद एक कुल तीन योजनाओं के अपने-अपने अंजाम ने क्या नगर पंचायत में कुछ वर्षों के दौरान में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की पोल  खोल दी है?

रिपोर्ट राम मिलन तिवारी

No comments