चुकता कर दिया बैंक का ऋण, नहीं मुक्त हुआ खेत
सुखपुरा(बलिया)। भारतीय स्टेट बैंक की स्थानीय शाखा द्वारा केसीसी ऋण धारक किसानों द्वारा ऋण का पूरा पैसा चुकता कर देने के बावजूद किसानों के बंधक खेत को मुक्त करने संबंधित कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते किसानों मे बैंक प्रशासन के प्रति पर तीव्र आक्रोश है। पीड़ित किसानों का कहना है कि खेती के लिए खेतों को बंधक रखकर बैंक किसानों को सीजनल ऋण प्रदान करता है।जिसे किसानों को सीजन खत्म होने के बाद जमा करना होता है।इस बीच खेतों के बंधक होने के कारण बैंक बंधक संबंधित कागजात तहसील मुख्यालय पर भेज देता है। तहसील मुख्यालय द्वारा किसानों के खतौनी में बैंक द्वारा बंधक रखे खेतों दर्ज कर दिया जाता है।जब किसान केसीसी ऋण पूरा चुकता कर देते हैं तो बैंक की यह जिम्मेवारी बनती है कि वह किसानों द्वारा ऋण चुकता करने की जानकारी तहसील मुख्यालय को प्रेषित करें ताकि उसका खेत बंधक से मुक्त हो और खतौनी में उसे दर्ज किया जा सके।यही कार्य भारतीय स्टेट बैंक की स्थानीय शाखा द्वारा नहीं किया जा रहा।जिसके चलते किसान बैंक प्रशासन के इस उदासीन रवैए से काफी परेशान और व्यथित हैं कस्बे के प्रमुख किसान अनिल सिंह ने बताया कि 4 जून 2019 को ही मैंने अपने केसीसी नंबर 3341000 4709 का ॠण पूरी तरह चुकता कर दिया बावजूद इसके आज तक बैंक ने इस संदर्भ में कोई कार्यवाही नहीं की। श्री सिंह ने इसके तरफ एक बार पुनः बैंक प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया है।कुछ यही हाल आधा दर्जन से अधिक किसानों की भी है।
रिपोर्ट डाक्टर विनय कुमार सिंह
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