जमींदोज हुआ संतोष का मकान, खुले आसमान के नीचे आया परिवार
सुखपुरा(बलिया) । बरसात में कच्चे मकानों के गिरने का सिलसिला बारिश बंद होने के बाद भी जारी है जिसके चलते लोगों को तमाम तरह की दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।कस्बे के संतोष पटवा का कच्चा मकान अचानक भरभरा कर गिर गया।यह तो गनीमत रहा कि घर के सभी सदस्य गर्मी के कारण बाहर सोए थे अन्यथा किसी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता।पत्नी और 3 बच्चों के साथ मकान में रह रहे संतोष पटवा के समक्ष मकान गिरने के बाद रहने की विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। संतोष का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बार-बार अनुरोध के बाद भी मुझे उसका लाभ आज तक नहीं मिला।घर की आर्थिक परिस्थिति भी ऐसी नहीं है कि मैं तत्काल मकान बना सकूं यही कारण है जिसके चलते मुझे कच्चे मकान में रहने की मजबूरी थी।आज जब मकान गिर गया तो मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मैं किसकी शरण में जाऊं और उससे उसके मकान में रहने की गुजारिश करूं।मकान गिरने की पीड़ा कस्बे में केवल संतोष की ही नहीं है बल्कि इस तरह के आधा दर्जन लोगों के रिहायशी कच्चे मकान या झोपड़ी इस बरसात में गिर चुकी हैं।पीड़ितों द्वारा पंचायत से लगाएत तहसील मुख्यालय पर दिए गए सूचना के बावजूद अभी तक शासन से किसी तरह की सहायता उपलब्ध नहीं हो पाई है।पीड़ित परिवारों ने एक बार पुनः ग्राम पंचायत एवं जिला प्रशासन से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अभिलंब आवास उपलब्ध कराने की मांग की है।
रिपोर्ट डॉक्टर विनय कुमार सिंह
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