गरीबों का जायका बिगाड़ रही प्याज
रसड़ा (बलिया) प्राकृतिक आपदा के वजह से गरीबों के थाली से हरी सब्जियां तो पहले ही दूर चलीं गईं थीं रही सही कसर स्वाद का ज़ायका बिगाड़ रहा है प्याज। ज़ी हां इन दिनों सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है। अगस्त महीने तक झोला भरकर ले जाने वाले ग्राहको का सब्जियों का भाव सितम्बर माह में जानकारी लेत ही ग्राहकों क माथा ठनक जा रहा है। सब्जी की दुकानों की भीड़ इन दिनों नदारद है। वहीं गरीबो की थाली से महंगाई के कारण हरी सब्जियां तो पहले ही गायब हो गया था अब रहीं सही कसर प्याज भी गरीबों के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं पियाज इन दिनों सभी को आशु बहा रही है । बाजारों में बारिश से पूर्व प्याज का भाव 30 रुपए प्रति किलो था, अब नासिक में भारी बारिश के चलते 60 रुपए हो गया है।
इसी तरह लहसुन 100 से 200 रुपए प्रति किलो हो गया है, टमाटर 20 से 40 रुपए मिल रहा है वहीं परवल, भिंडी व लौकी के भाव दुगुने चढ़ गए है। परवल 40 से 60, भिंडी 30 से 40, लौकी 15 से 30 रुपए बिक रही है। बरबट्टी 30 से 50 के भाव मिल रही है। बाजार में हरी मिर्च एवं अदरक के भाव आसमान छू रहे है। मिर्च 80 से 100 रू पहुंच गया था तो अदरक 100 से 130 रू प्रति किग्रा बिक रहा है। खीरा , करेली, के भाव भी डेढ़ से दुगुने चढ़ गए है। करैली 20 से 40 एवं खीरा 30 से 40 रू किलो के भाव मिल रहा है। पहले की अपेक्षा बाजार में सब्जियों की आवक भी कम हो गई है। बरसात ने परवल, लौकी, बरबट्टी, हरी मिर्च, करैली, खीरा को काफी नुकसान पहुंचाया है। पहाड़ी क्षेत्रों से आ रही सब्जियां ही बाजारों में उपलब्ध है। क्षेत्र में सब्जी की खेती पूरी तरह से नष्ट हो गई है। रहीं सही कसर इन दिनों प्याज ने गरीबों अमिरो सभी का ज़ायका बिगाड़ कर रख दिया है ।
रिपोर्ट पिन्टू सिंह
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