रामकेवट-संवाद देख डबडबाई दर्शकों की आंखें
रसड़ा (बलिया) : वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में अपनी गौरव पूर्ण उपस्थिति दर्ज करा चुकी एवं अयोध्या शोध संस्थान द्वारा पुरस्कृत बलिया जनपद के रसड़ा की सुप्रसिद्ध रामलीला के दूसरे दिन रविवार की सायं परंपरा के अनुसार भारी बारिश के बावजूद गांधी पार्क स्थित रोशा शाह के सुरम्य सरोवर में श्रीराम-केवट संवाद, श्रीराम के गंगा पार जाने का सजीव अभिनय किया गया। इसको देखने के लिए नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से आये हजारों नर-नारी अपलक इस आकर्षक नजारे को निहारते रहे।
वन गमन के दौरान जब श्रीराम गंगा तट पर पहुंचते हैं और केवट से पार उतारने का आग्रह करते हैं तो केवट कहता है मांगी नाव न केवट आना, कहही तुम्हार मरम मै जाना। अर्थात हे प्रभु मेरी नाव ही मेरे परिवार की जीविका का साधन है। सुना है कि आपके चरणों में धूल से पत्थर बनी अहिल्या नारी बन गई। अगर एेसा हो गया तो मेरा परिवार तो भूखे ही मर जायगा। इस लिए आपके चरणों को धोए बिना आपको उसपार नहीं पहुंचा सकता। केवट के काफी अनुनय-विनय के बाद श्रीराम पैर धुलाने के लिए राजी हुए। पैर के धोने के बाद केवट ने श्रीराम, जानकी व लक्ष्ण को गंगा के पार पहुंचाया। इस मार्मिक अभिनय को देख वहां उपस्थित हजारों महिलाओं पुरुषों सहित बच्चों की आंखे छलछला आयीं ।
रिपोर्ट पिन्टू सिंह
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