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स्वाद के बूते इंटरनेशनल डिश बना लिट्टी चोखा



रसड़ा (बलिया)। पूर्वांचल के पूर्वी छोर पर बसा उत्तर प्रदेश का बागी बलिया जनपद जहां हर कोई यही कहता मिलेगा की बलिया ज़िला घर बा ,त, कवनी बात के डर बा, ज़ी हां    आजादी की लड़ाई हो या दिल्ली का  राजनैतिक गलियारों में बागी बलिया का कंद हमेशा ऊंचा रहा  हैं । बलिया जिले के सुप्रसिद्ध व्यंजन लिट्टी चोखा  इन दिनों इंटरनेशनल डिश में शामिल हो चुका है गुजरें जमाने की कुछ यादगार कहानी है  एक समय था जब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी  जब भी अपने गृह जनपद बलिया स्थित झोपड़ी में या फिर इब्राहिमपट्टी में जब भी कभी  रुकते थे तो लिट्टी चोखा जरुर बनता था और उसे खाने के लिए कार्यकर्ता सहित यार दोस्तों की भीड़ लगती थी।
वैसे बुजुर्गों की मानें तो एक बार बलिया जनपद में स्व.इंदिरा गांधी आयी थी तो उनको भी बहुत अच्छा लगा था बलिया का बांटी चोखा। यही कारण है कि लिट्टी चोखा का क्रेज जो पूर्व में था आज भी मोबाइल युग में बरकरार है या यूं कहें की आधुनिकता या फिर फास्ट फूड के इस दौर में इसकी डिमांड और बढ़ गई है तो अतिशोक्ति नहीं होगी।
 जनपद के ग्रामीण व शहरी इलाकों में हर छोटी-बड़ी चौराहे पर कुछ मिले या ना मिले लेकिन लिट्टी चोखा की दुकान बलिया में जरूर मिलेगी यही कारण है कि यूपी-बिहार ही नहीं  बल्कि अब लिट्टी चोखा ने अपना स्थान गाजीपुर, बनारस लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर, दिल्ली सहित इंटरनेशनल डिश में जगह बना लिया है स्वाद के बूते विदेशों तक पहुंच बनाने में कामयाब है। आलम यह है कि हर दिन इसके  दीवानों की लिस्ट लगातार बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और  बिहार के गरीब लोगों का मुख्य भोजन लिट्टी चोखा कभी गरीब लोगों का मुख्य भोजन था वहीं लिट्टी चोखा आज बड़े लोगों की पार्टी में शाही भोजन बनता जा रहा है। बड़ी बड़ी पार्टियों में भी इसको मुख्य डिश में शामिल किया जा रहा है। देश के बड़े अभिनेता हो या  राजनेता आज सबकी पसंद लिट्टी चोखा है।


 रिपोर्ट पिन्टू सिंह

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