बंद हुई 17 हजार होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी, हड़कंप
-सुप्रीम कोर्ट ने पगार बढ़ाई तो सरकार ने घटाई ड्यूटी
लखनऊ। प्रदेश की कानून व्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले होमगार्ड के तकरीबन 17 हजार जवान आज से पैदल हो गये या दूसरे शब्दों में यह कहें कि बेरोजगार हो गये तो कोई अतिशोक्ति नहीं होगी। इसके आलोक में योगी सरकार का वह फरमान है, जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन के लिए सरकार के होमगार्ड विभाग के पास पर्याप्त धन नहीं है। नतीजन शासन ने प्रदेश के होमगार्ड के जवानों के 32 प्रतिशत ड्यूटी काटने का फरमान जारी किया है। जिससे 17 हजार जवान आज यानि एक अक्टूबर से बेकार हो गये है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीतें 30 जुलाई को एक याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को आदेशित किया था कि होमगार्ड के जवानों को पुलिस के जवानों के बराबर वेतन भत्ता दिया। जिस पर अमल करते हुए सरकार 23 सितम्बर को होमगार्ड स्वयंसेवकों का न्यूनतम प्रतिदिन का वेतन 600 रूपये करने के साथ ही महंगाई भत्ता 72 रूपये की घोषणा कर दी, जिससे स्वयंसेवकों का प्रतिदिन का वेतन कुल 672 रूपये हो गया। इसके बाद शासन ने दिनांक 05 सितम्बर 2019 को पत्रांक संख्या- 11831 पन्चानबे-19-46 रिट/15 टीसी के माध्यम से होमगार्ड्स विभाग में उपलब्ध बजट के आधार पर होमगार्ड्स स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया।
विभाग का तर्क है कि समूचे प्रदेश में कुल 51575 होमगार्ड स्वयंसेवक तैनात है। 672 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से अक्टूबर-19 से फरवरी 2020 तक उपलब्ध बजट में सभी को वेतन मुहैया नहीं कराया जा सकता। ऐसे में विभाग द्वारा उपलब्ध बजट के तहत करीब 35056 स्वयंसेेेेेेेेवकों को ही पांच माह का वेतन दिया जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि जनपदवार होमगार्ड स्वयंसेवकों की ड्यूटी व्यवस्थापन किया जाये। सरकार के इस फरमान से होमगार्ड स्वयंसेवकों में एक ओर जहां खुशी है तो दूसरी ओर गम भी है। अब उन्हें बेरोजगार होने की चिंता सताने लगी है।
होमगार्ड्स एसोसिएशन ने लिखा सीएम को पत्र
लखनऊ। उ.प्र. होमगार्ड अवैतनिक अधिकारी व कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर होमगार्ड विभाग द्वारा होमगार्ड जवानों की ड्यूटी में की जा रही 32 प्रतिशत कटौती को रोकने की गुजारिश की है। उन्होंने सीएम से अनुरोध किया है कि जवानों को विभाग द्वारा किये जाने वाले एरियर का भुगतान (प्रति जवान करीब 2.5 लाख) कुछ समय के लिए लम्बित कर दिया जाये और उस धनराशि को जवानों के वेतन के मद में खर्च किया जाये ताकि विभाग के 17 हजार जवान बेकारी की मार से बच सकें। अपने पत्र में उन्होंने यह भी जिक्र किया है कि अन्यथा की स्थिति में एसोसिएशन आंदोलन को
बाध्य होगा। इसके अलावा गोरखपुर जनपद के जिलाध्यक्ष वशिष्ट मौर्य और संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष महेन्द्र चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी में की जा रही कटौती पर रोक लगाने की गुजारिश की है।
बलिया में कटी 144 की ड्यूटी
बलिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जहां होमगार्ड के जवानों का मानदेय बढ़ा, वहीं दूसरी ओर उनकी ड्यूटी में कटौती क्रम शुरू हो गया। सरकार के इस निर्णय से बलिया जनपद के तकरीबन 144 जवानों की ड्यूटी चली गयी। बता दे कि जनपद में कुल 1471 जवानों की ड्यूटी पिछले यानि सितम्बर माह में लगी थी, लेकिन सरकार के निर्देश के बाद मंगलवार यानि एक अक्टूबर से 1327 जवान की ड्यूटी पर तैनात है। ऐसे में 144 जवानों के सामने अब रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है।
By-Ajit Ojha
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