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नारद के नेतृत्व में गरजे सपाई,लगाया सेतु निर्माण में गबन का आरोप



बलिया। जनेश्वर मिश्र सेतु के विस्तार एवं संपर्क मार्ग के निर्माण की मांग को लेकर पूर्व मंत्री नारद राय बुधवार को दर्जनों समर्थकों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जनेश्वर मिश्र से की मरम्मत की मांग की है।
ज्ञापन में उल्लेख है कि दियरांचल में गंगा नदी के उस पार बने शिवपुर दीयर, प्रानपुर, जवही के हजारों लोग जिला मुख्यालय पर आने जाने तथा बिहार को बलिया जनपद से जोड़ने के लिए पिछली सरकार के तत्कालीन मंत्री नारद राय के पहल पर प्रदेश की तत्कालीन मुखिया अखिलेश यादव ने करीब 600 करोड़ रुपए की लागत से जनेश्वर मिश्र सेतु का निर्माण कराया था, लेकिन बिहार सरकार द्वारा राजपुर में एक आश्रम को बचाने के लिए ठोकर का निर्माण किए जाने के कारण वर्ष 2016 में आई बाढ़ से गंगा नदी का धारा परिवर्तित हो गया। जिस को ध्यान में रखते हुए जनेश्वर मिश्र सेतु के निर्माण करने वाली कार्यदाई संस्था सेतु निगम और पुल का निर्माण करने वाली कंपनी ने वर्ष 2017 में सरकार को सुझाव दिया था कि बलिया के तरफ आने वाले पुल का विस्तार करने के लिए दो और खंभे का निर्माण कराना आवश्यक है।
 प्रस्तावित खंभे की स्वीकृति का प्रक्रिया अभी चल ही रही थी कि प्रदेश में सरकार बदल गई और वर्तमान में भाजपा की सरकार ने उस सुझाव को दरकिनार करके प्रस्तावित और खंभों का निर्माण नहीं करवाया। साथ ही आनन-फानन मानक के विपरीत संपर्क मार्ग का निर्माण करा दिया गया। सरकार के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से संपर्क मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन शुरू करा दिया गया। जिसके नदी में आई बाढ़ में संपर्क टूट गया। लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग कभी भी किसी भी समय का बड़े हादसे के शिकार हो सकते हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने स्वीकार किया कि पुल के एप्रोच मार्ग टूटने से 60 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने ज्ञापन में मांग किया है कि सेतु निगम और कार्यदाई संस्था द्वारा दिए गए सुझाव के मुताबिक जनेश्वर मिश्र क्षेत्र का विस्तार किया जाए और मानक के विपरीत बनाएगा संपर्क मार्ग में करीब 60 लाख  का हुए भारी नुकसान की जांच कराकर जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए और नुकसान हुए रुपए का उन लोगों से वसूली कराया जाए। ऐसा नहीं हुआ तो समाजवादी पार्टी इस मांग को लेकर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई कराने के लिए विवश होगी। ज्ञापन देने वालों में राजकुमार पांडे, दयाशंकर यादव, राजनाथ यादव, राजन कनौजिया, रविंद्र नाथ यादव, जमाल आलम, चन्दन गुप्ता, पल्लू जायसवाल, अवधेश सिंह, हरेराम सिंह, संजय यादव, बैजनाथ यादव, अजय यादव, विश्राम यादव, परमात्मानंद सिंह, जलालुदीन, देवेन्द्र यादव, शिवजी तिवारी आदि मौजूद रहे।

 ग्रामीणों ने  सौंपा पत्रक


बलिया। ग्राम पंचायत परिखरा के ग्रामीणों ने बुधवार को जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा। पत्रक में परिखरा के किसानों जमीन एक्वायर कर कृषि मंडी व पालिटेक्निक कालेज का निर्माण सरकार द्वारा कराया गया है। वर्तमान में प्रस्तावित मेडिकल कालेज ही यहां बनने वाला है। लेकिन कृषि मंडी व पालिटेक्निक कालेज के सरकारी बोर्डो पर तिखमपुर गांव का नाम अंकित किया गया है। जिसको लेकर परिखरा के ग्रामीणों ने काफी आक्रोश है। ग्रामीणों ने मांगे की है कि पूर्व कृषि मंडी व पालिटेक्निक कालेज के साथ ही प्रस्तावित मेडिकल कालेज के बोर्ड अथवा पेपर पर तिखमपुर के स्थान पर परिखरा अंकित किया जाये। जिससे हम ग्रामवासियों के साथ न्याय हो सकें। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रार्थना पत्र पर सरकार तत्काल निर्णय नहीं लेती है तो हमारे द्वारा धरना प्रदर्शन, अनशन और विकराल आंदोलन किया जायेगा। इस अवसर पर बिहारी सिंह, सुरेश सिंह, कुबेर सिंह, दामोदर सिंह, रामप्रवेश वर्मा, अशोक वर्मा, राजेश प्रसाद, शंकर, धिरेन्द्र बहादुर, रवि प्रसाद, संतोष प्रसाद, गोपाल सिंह, चन्द्र प्रकाश सिंह सहित अनेकों ग्रामीण उपस्थित रहे।


सुभासपाजनों ने  सौंपा ज्ञापन


बलिया। बुधवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा दो सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यपाल को संबोधित पत्रक कलेक्ट्रेट में सिटी मजिस्ट्रेेट को सौंपा गया। मांग पत्र में प्रदेश सरकार द्वारा होमगार्डो को हटाए जाने व बाढ़ से पीड़ित बांसडीह की जनता को राहत सामग्री वितरण न होने की बात रखी गई। सुभासपा के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार द्वारा 25 हजार होमगार्डो को हटाने के इस निर्णय की घोर निन्दा की। उनका कहना था कि होमगार्ड अपने परिवार का भरण पोषण न हो पाने के कारण भूखमरी के कगार पर आ गये है। मांग पत्र में सरकार द्वारा मांग रखी कि होमगार्डो को स्थायी नियुक्ति दिलायी जाये। अन्यथा की स्थिति में सुभासपा के कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे। इसके साथ ही विगत दो महीने में बारिश के कारण सुरहा ताल के जल स्तर में हुई वृद्धि के कारण दर्जनों गांवों की आबादी बाढ़ से ग्रसित हो गयी है। इस विषय पर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया है। पीड़ितों को तत्काल राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए बात कही। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष सुग्रीव राजभर, उमापति राजभर, मिथिलेश राजभर, अवधेश यादव, हरेन्द्र राजभर, सुनिल राजभर, संजय भारती, अनिल राजभर, महेन्द्र राजभर, हरिनाथ राजभर, माइकल राजभर, विमला राजभर, निलम राजभर, स्वामी नाथ, सरोज, टुनटुन, मनोज राजभर आदि मौजूद रहे।


By- Ajit Ojha

 
 

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