गाँव बने ताल या ताल बना तलैया, बारिश ने चहुँ ओर बनाया भूल भूलैया
रामगढ़,बलिया। ताल बने तलैया गांव बने सुरहा ताल...... ! यह स्थिति बाढ़ एवं अतिवृष्टि की वजह से दर्जनों गांवों के लोगों के बीच दिख रही हैं जो पुरी तरह जलजमाव से घिरे हुए हैं। बारिश बन्द होने के बाद अब इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है कि गाँव का रास्ता कहाँ है और तालाब कहाँ है क्योंकि चहुँ ओर अब गाँव तालाब जैसा दिख रहा यूं कहें तो बलिया से 20 किमी पूरब जाने के बाद सुरहाताल जैसा नजारा देखने को मिल रहा है।
बेलहरी से दयाछपरा तक स्थिति इतनी दयनीय हो गई हैं कि राष्ट्रीय राज्यमार्ग - 31 पर आने जाने के लिए लोग छोटी नौका का सहारा ले रहे हैं लेकिन शासन प्रसाशन इन पीड़ितों के लिए कोई भी सुविधा मुहैया कराना उचित नहीं समझ रहा है। बेलहरी से दयाछपरा तक लगभग एक लाख की आबादी जलजमाव का दंश झेल रही है, हैंड पम्प से गन्दा और बदबूदार पानी निकल रहा है, रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए नौका का सहारा लेकर जाना पड़ रहा है। वही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की बात करें तो बरसात ने इनके लिए कोढ़ में खाज जैसा माहौल बना दिया है।
जलजमाव से दर्जनों गांव मुश्किल में, बीमारियों का खतरा बढ़ा
रामगढ़ ,बलिया। बाढ़ और बरसात के बाद गावों की बजबजाती नालियों से दुर्गंध उठने के कारण संक्रामक बिमारी फैल रही हैं शासन प्रशासन के तरफ से अभी तक कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है इससे मच्छरों का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ गया हैं जिससे तरह- तरह के बिमारी जैसे डायरिया, मलेरिया, बुखार, दमा,खासी ,चर्मरोग आदि संक्रामक रोग के फैलने की आशंका उत्पन्न हो गई हैं इस जलजमाव की वजह से दर्जनों गांवों के लोग चपेट में आ गए हैं बेलहरी, धरमपुरा, मझौवाँ, पचरुखिया, नरायणपुर,गंगापुर, मीनापुर, दुर्जनपुर,रामगढ़, तिवारी टोला,गंगौली और शाहपुर गांव की स्थिति तो ऐसी हो गई हैं कि लोगों को अपने घर से बाहर निकलने के लिए छोटी - छोटी नौका की सहायता लेनी पड़ रही हैं।
पानी को निकालने के लिए पम्पिंग सेट की सहायता से एनएच -31 के दक्षिण दिशा में निकालने का प्रयास लगातार चार दिनों से चल रहा हैं लेकिन पानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं वहीं गांव के बुजुर्गों का कहना है कि गंगा नदी के प्रसोत व अतिवृष्टि के पानी काफी दिनों तक जमा रहता है इससे गम्भीर बिमारियों को बढावा देने का कार्य करती हैं जिससे बचने के लिए स्वयं आम जनमानस को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के उदासीन रवैये और कोई ठोस कदम न उठाने पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
रिपोर्ट-रवीन्द्र नाथ मिश्र
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