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बारिश पर भारी पड़ी आस्था, 'बाबा' के दरबार में उमड़ी भक्तों की भीड़




मनियर, बलिया । कस्बा के देवापुर  स्थित नवका बाबा व बुढ़वा बाबा के स्थान पर प्रतिवर्ष लगने वाला शारदीय एवं बासंतिक नवरात्र मेला लगा हुआ है। क्षेत्र में हुई भारी बारिश के बाद भी लोगों आस्था नहीं डिगी है। लोगों के अनुसार  नवका बाबा एवं बूढ़ा बाबा के स्थान पर सभी मुरादें पूरी होती है ऐसा लोगों का मानना है। बाबा के आस्था के अनुयायियों की भीड़ शबाब पर है।   नवका बाबा और बुढ़वा बाबा के यहां नव दिन तक चलने वाला यह मेला  शबाब पर  है विज्ञान की तर्क के विपरीत बाबा के यहां आने वाले लोगों के पास आने की अपने अपने अनेक कारण हैं। लोगों के माने तो मंदिर परिसर में आने वाले लोग प्रेत बाधा सहित विभिन्न रोगों से  निजात पाकर खुशी-खुशी घर लौट जाते है।
मान्यता है कि बिहार के सारण जनपद अंतर्गत चैनपुर गांव निवासी दो जुड़वा ब्राह्मण भाई के बाल्यकाल अवस्था में ही माता पिता का साया हट गया। दोनों भाई पड़ोसी गांव के एक जमीदार की यहां मजदूरी कर रहे थे। कहते हैं कि उनके बगल में रहने वाली एक बुढ़िया जो जादू-टोना जानती थी। ने उन्हें भोजन पर बुलाकर अपने मंत्र शक्ति से मारकर उनकी आत्मा एक डिब्बा में बंद कर दिया। बुढ़िया की लड़की की शादी मनियर में तय हुई। उसने अपनी लड़की के विदाई के समय डिबिया में बन्द आत्माओं को उसे नदी में फेंकने की नसीहत दी। लेकिन लड़की ने उसे लेकर ससुराल चली आई।
और घर की चक्की के नीचे दबा दिया। कहते हैं कि चक्की टांगते समय दोनों आत्माएं आजाद हो गई।और घर में आग लग गई। तब भयभीत परिजन एक प्रसिद्ध तांत्रिक के शरण में गये।  तांत्रिक ने नवका बाबा के रूप में स्थापित किया। बताया तो यह भी जाता है कि नवका बाबा के स्थान पर बने पोखर में एक कुष्ठ रोगी स्नान किया तो उसका रोग खत्म हो गया। तभी से बाबा की ख्याति और बढती गई। प्रेत बाधा से ग्रसित लोग आते गये। अच्छा फल प्राप्ति होने के कारण लोगों की भीड़ बढती गई। यहां पर देश विदेश के लोग  दर्शन करने आते हैं।

रिपोर्ट राम मिलन तिवारी

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