जानें कहां कि देव दीपावली में प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने की शिरकत
सहतवार(बलिया)। सहतवार चैनराम बाबा की समाधि स्थल पर शुक्रवार को समाजसेवी नीतू सिंह के तत्वाधान में एक लाख पच्चीस हजार दीपों के साथ देव दीपावली मनायी गयी। वाराणसी से आये पण्डितों ने बैदिक मन्त्रोच्चार के साथ दीप प्रज्वलित कर महाआरती के बीच देव दीपावली का शुभारम्भ किया। महाआरती में मन्त्री आनन्द स्वरुप शुक्ल, मन्त्री उपेन्द्र तिवारी, अनिल राजभर, विरेन्द्र सिह मस्त, श्रीमती कविता सिंह, नेत्री केतकी सिंह व अन्य भाजपा नेताओं ने शिकरत किया। महाआरती के देव दीपावली के समय चैनराम बाबा की जय व अन्य देवी देवताओं के नारे के साथ पूरा नगर पंचायत गुँजायमान हो रहा था। इस अवसर पर नगर पंचायत सहित ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चें, बुढ़े, महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। कहीं कोई अप्रिय घटना घटित न हो, इसके लिए सहतवार थानाध्यक्ष अनिल चन्द तिवारी अपने दलबल के साथ बराबर चक्रमण करते रहे।
चैन राम बाबा के समाधि स्थल पर देव दीपावली के लिए तीन दिनों से तैयारी चल रही थी।
इसके लिए पूरे मन्दिर परिसर की साफ सफाई कर पूरे मन्दिर को दुल्हन की तरह सजाया गया था। शाम को जैसे ही पंडित ने मन्त्रोच्चारण कर समाज सेवी नीतू सिंह द्वारा दीप प्रज्वलित कराया गया। देव दीपावली व चैनराम बाबा में आस्था रखने वालें पहले से तैयार बैठे सैकड़ों स्त्री, पुरुष, बच्चों, महिलाओं ने सीढीयों पर सजाकर रखा और दीपक जलाना शुरु कर दिया। थोड़ी ही देर में पूरा मन्दिर परिसर दीपकों की लौ से जगमगा उठा। चैनराम बाबा की जय व देवी देवताओ की जयकारे से पूरा मन्दिर परिसर व नगरपंचायत गुँजायमान होने लगा। देव दीपावली की अद्भुत दृश्य को देखने के लिए नगर पंचायत सहित ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों लोग देर रात तक जमे रहें। देव दीपावली को सफल बनाने में धर्मनाथ सिंह "काका" रंजन सिंह, बंशी सिंह, आदि अन्य लोगों की अहम् भूमिका रही।
महा आरती के लिए बनी थी सात वेदी
सहतवार ( बलिया) । चैनराम बाबा के समाधि स्थल पर महाआरती के लिए अर्ध पानी में वेदाचार्यो के लिए सात जगहों पर सात वेदी बनाई गयी थी। जहाँ पर मुख्य वेदाचार्य के साथ सातों वेदाचार्य बैदिक मन्त्रोच्चारण कर रहे थे। जगमग हो रहे दीपों के साथ वेदाचार्यो की महा आरती के समय ऐसा लग रहा था, मानों देवलोक से सभी देवता गण देवलोक से उतर कर धरती पर आकर धरती की शोभा बढ़ा रहे है। वहाँ उपस्थित सभी भक्त गण वेदाचार्यो के साथ आरती गाकर भाव विभोर होकर झूम उठे थे।
रिपोर्ट— श्रीकांत चौबे
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