जो भी दुख याद न था याद आया आज, जानिए क्या याद आया याद आया था बिछड़ना तेरा फिर नहीं याद की क्या याद आया
कभी-कभी ऐसा होता है कि आप कुछ लिखना चाहें लिख नहीं पाते हैं कलम रुक जाती है बोलना चाहें बोल नहीं पाते हैं ज़बान साथ नहीं देती है। बस अंदर एक टीस उठती है , घुटन होता है एक दर्द उमड़ता है । जिसे आप व्यक्त करना चाहते हैं कर नहीं पाते । अभी इरफ़ान के दु:ख से ऊबर नहीं पाये थे कि ऋषि कपूर के जाने की मनहूस खबर आ गयी । दील बैठ गया है आंखें नम है गला रुंध रहा है । ये वो सितारे थे जिनके होने से ये दुनिया कुछ अधिक रौशन थी । हम सब जानते हैं कि दुनिया एक रंगमंच है जिस पर सभी अपना किरदार निभाकर नेपथ्य में चले जाते हैं । बस युगों युगों तक उनकी भूमिकाएं याद रह जाती है। मेरा नाम जोकर से फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाले ऋषि कपूर अस्सी और नब्बे के दशक में हिन्दुस्तान के युवाओं के दिलों में बस गये और आज भी उसी तरह बरकरार हैं। सदाबहार चार्मिंग और चाकलेटी प्यारे अभिनेता के जाने का ग़म बरसों तक सालेगा । ऋषि कपूर को 1974 में बाबी फिल्म में शानदार अभिनय के लिए राष्ट्रीय फिल्म फेयर पुरस्कार मिला , 2008 में पुन: लाइफ टाइम अचीवमेंट फिल्म फेयर अवार्ड मिला । ऋषि कपूर को अभिनय अपने दादा पृथ्वी राज कपूर और पिता राज कपूर से विरासत में मिली जिसे ऋषि कपूर ने एक मुकाम तक पहुंचाया । इरफान खान रंगमंच से निकल कर फिल्म में आये ओर अपने को एक दमदार अभिनेता के रुप में स्थापित किया। अभिनेता को अभिनेता के रूप में नहीं बल्कि एक सामान्य आदमी के रुप में हमारे सामने प्रस्तुत किया । एक अभिनेता का पूरा शरीर बोलता है यह बात इरफ़ान को अभिनय करते देख सहज ही समझा जा सकता है । इरफ़ान को पान सिंह तोमर फिल्म में शानदार अभिनय के लिए 1912 में राष्ट्रीय फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और 2011में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री सम्मान मिला । इरफ़ान सिर्फ एक अभिनेता नहीं एक चलता फिरता अभिनय स्कूल थे । आज दोनों अभिनेता कला जगत को सूना कर चले गये । पूरा रंग जगत सिनेमा और कला जगत स्तब्ध है । हम रंगकर्मी मर्माहत है । हमारे लिए यह किस वज्रपात से कम नहीं । इनके जाने से जो खालीपन आया है उसका भर पाना बहुत मुश्किल होगा । शायद एक युग लग जाए । ऐसे अभिनेता युगों में पैदा होते हैं। बलिया के रंगकर्मियों की ओर से आप दोनों महान कलाकारों को विन्रम श्रद्धांजलि ।
- आशीष त्रिवेदी
रंगकर्मी
सचिव , संकल्प, बलिया
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