जब आधी आबादी ने संभाला मोर्चा तो दूर हुईं मास्क की किल्लत
बलिया: जनपद के लोगों को आसानी से चेहरे पर लगाने वाला मास्क मिल जाए, इसके लिए 70 से अधिक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा युद्धस्तर पर मास्क बनाया जा रहा है। सबसे बड़ी बात कि मास्क बनाने के एवज में उनको कुछ धनराशि भी दी जाएगी। इस प्रकार यह आपदा में मानव धर्म निभाने के साथ घर बैठे रोजगार का जरिया भी बन गया है।
बता दें कि अचानक मांग के बाद जब मास्क बाजार से खत्म हो गया, तब संयुक्त मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के जरिए मास्क बनवाने की पहल की। पहले तो उन्होंने यूट्यूब वीडियो के जरिए शहरी क्षेत्र की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विधियां बताईं। इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी हर खंड विकास अधिकारी के माध्यम से टेलर को उपलब्ध कराकर महिलाओं को ट्रेंड किया जाने लगा। इस प्रकार कुल 70 से अधिक समूह द्वारा सूती कपड़े का मास्क लगातार बनाया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हो रहा है कि लोगों को किफायती दर में सुरक्षित मास्क आसानी से उपलब्ध हो जा रहा है। साथ ही घर बैठे इन महिलाओं को रोजगार भी मिल गया है।
सिलाई टेलर ने ग्रामीण महिलाओं को बताई विधियां
रसड़ा ब्लॉक के सबलपुर सिलहटा में मास्क बनाने की विधियों के बारे में गांव की महिलाओं को बताया गया। खंड विकास अधिकारी द्वारा सिलाई करने वाले ट्रेलर को उपलब्ध करा कर मास्क बनाने की विभिन्न विधियां सिखाई गई। इसका उद्देश्य मात्र ही था कि गांव में महिलाएं अपने घर पर मास्क बना सके, इसके लिए उन्हें परेशान ना होना पड़े।
रिपोर्ट धीरज सिंह
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