कोरोना संक्रमित क्षेत्र से युवक के आने की सूचना पर मचा हड़कंप
बलिया । हल्दी थाना क्षेत्र के ग्राम सभा गंगापुर में बुधवार की देर शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई जब किसी ने पुलिस के मोबाइल पर बिहार से एक युवक को आने की सूचना दे दी। सूचना पर पहुँचे रामगढ़ चौकी इंचार्ज पंकज सिंह ने मामले की छानबीन किया तो पता चला कि बक्सर जिले के छोटकी नैनिजोर निवासी सुखराम गुप्ता पुत्र स्वर्गीय श्रीराम गुप्ता करीब दो दशकों से रामगढ़ ढाले के दक्षिण दिशा में जमीन खरीद कर अपना आशियाना बनाकर रहता है। पड़ोसियों का आरोप है सुखराम तीन-चार दिन से घर पर नहीं थे अचानक मंगलवार की शाम को यह रामगढ़ में लौटे हैं;यह अपने गांव छुटकी नैनिजोर गए थे जहाँ पर कोरोना महामारी के मरीज मिलने के पुष्टि हुई है। उसके बाद से सुखराम गंगा नदी के उस पार से डेंगी नाव के सहारे रामगढ़ अपने घर पर रात में आए हुए हैं। जबकि सुखराम गुप्ता का कहना था कि मैं घर जाने के लिए निकला था लेकिन जैसे ही कुछ दूरी पर जाने के बाद पता चला कि वहां के गांव पर कोरोना का मरीज मिला है बीमारी फैलने का भय बना हुआ है तो मैं लौट आया। बात चाहे जो भी हो आसपास के लोगों की सूचना पर पहुंचे चौकी इंचार्ज ने सुखराम गुप्ता व उसके परिजनों को 20 सेकेंड तक सांस को रुकवाकर देखा और 14 दिनों तक घर में रहने की हिदायत देने के साथ ही बाहर न निकलने का फरमान सुनाया। इस घटनाक्रम से आसपास के लोगों में भय बना हुआ है कि पुलिस मामले को जानने के बाद भी आखिर उसे सास रुकवा कर ही क्यों छोड़ दिया ? उसे कोरंटिन क्यों नहीं कराया। इस मौके पर ग्राम प्रधान श्याम कैलाश भी मौजूद रहे। इस बावत रामगढ़ चौकी इंचार्ज पंकज सिंह ने बताया कि पड़ोसियों की सूचना पर सुखराम गुप्ता के घर गए थे,मामले की जानकारी ली गई है साथ ही घर में 14 दिनों तक कोरो टाइन में रहने का हिदायत भी दिया गया है। सोचने की बात है इतना चौकसी के बाद भी नदी में नाव कैसे गयीं और यह व्यक्ति अपने सीमाओं से फिर घुम कर वापस आ भी गया। कही न कही सरकारी अमला की लापरवाही नया मुसीबत सामने खड़ा न कर दे। रामगढ़ क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। प्रशासन दावा करती है कि नदी में नाव नहीं चलती है फिर मछली कहाँ से आती है? कही न कही सरकारी मुलाजिमों द्वारा सरकार और जनता को धोखा दिया जा रहा है।
रिपोर्ट : धीरज सिंह
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