सब कुछ दांव पर लगा अपना फर्ज अदा करने वाले पुलिस कर्मियों के वेतन से न हो कटौती
रेवती (बलिया) कोरोना के खिलाफ जंग रोजाना जटिल होता जा रहा है । अभी यह जंग लंबा चलेगा। लाक डाउन में कुछ और ढील मिलने के बावजूद सोशल डिस्टेंसींग आगे भी जारी रहने की पूरी संभावना है । ऐसे में हमारे स्वास्थ्य , पुलिस व सफाई कर्मचारी पूरी ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन बखूबी कर रहें है । अपने घर बार से दूर सब कुछ दांव पर लगा कर मैदान में डटे रहने वाले पुलिस कर्मियों के एक दिन का वेतन कटौती किये जाने से अंदर से सभी मर्माहन्त है। अनुशासन के चलते इस संबंध में कोई कुछ कह नही पा रहा है । पुलिस के एक एस आई ने अपना नाम न छापने की शर्त पर अपनी पीड़ा ब्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना महामारी एक ऐसा वायरस हैं की मरिज के पाजिटिव या निधन पर सब मौके से भाग जाय तब पुलिस ही ऐसा विभाग हैं जो फ़र्ज अदायगी के लिए मौके पर डटे रहते है । परिवार से कोसों दूर हम जनता की सेवा में 24 घंटे लगे रहते है । बावजूद बोनस व महंगाई से वंचित हो गये । अब महिने में एक दिन का वेतन की कटौती मन को काफी साल रहा है ।जो अपना सर्वस्व न्योछावर कर जनता की भलाई के लिए समर्पित हैं उन्हें पारितोषिक देने के बजाय उनके वेतन से कटौती औचित्य पूर्ण नही है क्योंकि यह वेतन उनके बच्चों के हक के लिए होता है । जिस पर उनका पूरा परिवार आश्रित है । पुलिस के साथ स्वास्थ्य व सफाई कर्मयों को भी वेतन कटौती से अवमुक्त किये जाने से उनका उत्साहवर्धन बना रहेगा । जन प्रतिनिधियों को चाहिए कि इस बात के लिए कोरोना योद्धाओं की आवाज बुलंद करे । सरकार को चाहिए कि कम से कम एक महिने का अतिरिक्त वेतन दिया जाय ताकि पूरे मनोवेद से हम योद्धा सरकार के हर कदम मे साथ चल सके ।
रिपोर्ट : पुनीत केशरी
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