Kali Maa Pakri Dham

Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

कोरोना महामारी की आग से कही पिछड़ ना जाये देश


दुबहड़, बलिया। गरीबी की वेदना एवं पीड़ा को एक गरीब ही भली-भांति समझ सकता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही कृषि एवं औद्योगिक विकास दर में क्रमशः सुधार एवं केंद्र तथा राज्य सरकारों के द्वारा प्रचलित जनहित योजनाओं के कारण हमारे विकासशील देश भारत से गरीबी धीरे-धीरे दूर हो रही थी और हमारा देश विकसित देश की श्रेणी के तरफ अग्रसर हो रहा था। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन की स्थिति के कारण देश की अधिकांशतः आर्थिक आय के स्रोत की गतिविधियां लगभग ठप पड़ गईं। 


उक्त विचार सामाजिक चिंतक बब्बन विद्यार्थी ने सोमवार को नगवा अखार ढाला स्थित मंगल पांडेय विचार मंच के कार्यालय पर व्यक्त किया। कहा कि लॉकडाउन के  फलस्वरूप औद्योगिक उत्पादन ठप्प पड़ जाने के कारण उत्तर प्रदेश एवं बिहार सहित विशेषकर बलिया के प्रवासी मजदूरों एवं उनके परिवारों के ऊपर रोजी-रोटी का विशाल संकट खड़ा हो गया। आज देश में लॉकडाउन की स्थिति के कारण मजदूर गरीबी, लाचारी एवं भूखमरी का शिकार होकर असह्य वेदना एवं पीड़ा के संक्रमण से जूझ रहा है। श्री विद्यार्थी ने कहा कि बागी बलिया के लोगों ने देश के संकटकालीन स्थिति में अपने त्याग, तपस्या एवं धैर्य का परिचय दिया है। आज मजदूरों के इस विषम परिस्थिति में उनका संकट दूर करने के लिए इसी जज्बे की जरूरत है।



रिपोर्ट नीतेश पाठक

No comments