परदेशीयों की संख्या में हो रही बेतहाशा वृद्धि से भयभीत व सशंकित हैं गांव के लोग
रेवती (बलिया)। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा हैं गांवों तक कोरोना का प्रसार नहीं होना चाहिए । भारत की सर्वाधिक आबादी गांवों में बसती है । गांव सुरक्षित तो देश भी सुरक्षित रहेगा । इसको लेकर गांव के लोगों में इधर काफी जागरूकता आई है। जैसे ही कोई परदेशी मुहल्ला, गांव में आ रहा है इसकी सूचना तत्काल पुलिस व डाॅक्टर के अलग अलग बने ग्रुपों में दे दी जा रही है ।
परदेशी के आने पर कई जगह तनाव भी हो जा रहा है। क्षेत्र के नारायणगढ गांव में कलकत्ता से एक ब्यक्ति अपनी पत्नी व बच्चों के साथ दो दिन पूर्व आया था। संयोग से उसका मेडिकल जांच नही हो पाया था। इस बात को लेकर गांव के कुछ युवक विरोध में खड़े हो गये। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें घर पर ही कोरंनटाईन कर दिया । रेवती नगर के वार्ड नं सात में एक ब्यक्ति की 16 वर्षीय पुत्री की इलाज के दौरान मौत हो गई । सशंकित मुहल्लें के लोगों ने तुरन्त पुलिस व डाॅ को मौके पर बुला लिया। डाॅ द्वारा सामान्य मौत बताये जाने पर उसका दाह संस्कार किया गया ।
लाक डाउन के चलते यदि सबके अधिक परेशान कोई हैं तो वह है प्रवासी मजदूर । सैकड़ो मील पैदल जलकर कोई अपनी गर्भवती पत्नी, बच्चों व बुजुर्गों के साथ गांव आ रहा है। भूख प्यास को नजरअंदाज कर किसी तरह गांव पहुंचने की मन में संकल्प लिए चल रहे हैं । वैसे प्रशासन के साथ अब बुद्धिजीवी वर्ग भी इन लोगों की हर संभव मदद के लिए आगे आ रहें । पानी व खाने पीने का सामान सहित साधन भी उपलब्ध कराया जा रहा है । गांव के लोगों को भी आफत व मानसिक तनाव से ग्रस्त इन लोगों को सावधानी के साथ मदद में आगे आना चाहिए ।
रिपोर्ट-पुनीत केशरी
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