अस्पताल में नहीं मिला स्ट्रेचर तो पिता का शव रखने के लिए बेटी ने बिछाया दुपट्टा
कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में इंसान की संवेदना को झकझोर देने वाला दृश्य देखने को मिला। यहां शवगृह के आगे एक शख्स की लाश रास्ते पर पड़ी थी और उससे लिपटकर बेटी बिलख रही थी। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हुई थी जिसके बाद उसका शव एंबुलेंस से यहां लाया गया था। एंबुलेंस चालक ने शव को धूप में ही नीचे उतार दिया। स्ट्रेचर था नहीं इसलिए पिता को लिटाने के लिए बेटी को अपना दुपट्टा जमीन पर बिछाना पड़ा। इस बारे में जिला अस्पताल के सीएमएस से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एंबुलेंस चालक शवगृह की चाबी लेने चला गया था।
घटना सदर कोतवाली क्षेत्र के जेवां अटारा गांव का है। इस गांव के किसान महेश को बाइक सवार टक्कर मारकर चला गया। बुरी तरह घायल महेश को ग्रामीण जिला अस्पताल ले गए जहां से उनको मेडिकल कॉलेज तिर्वा रेफर कर दिया गया। इस दौरान महेश की मौत हो गई जिसके बाद उसके शव को मॉर्चुरी में रखने के लिए एंबुलेंस से लाया गया। मॉर्चुरी के सामने रास्ते पर एंबुलेंस ड्राइवर धूप में लाश को उतारकर चला गया। महेश की बेटी धूप में पिता के शव से लिपटकर बहुत देर तक रोती-बिलखती रही।
जानकारी के मुताबिक, करीब 45 मिनट बाद ग्रामीणों ने ही मॉर्चुरी के बाहर फैली गंदगी की सफाई की और टीनशेड के नीचे महेश के शव को उठाकर ले गए। वहां बेटी ने पिता की लाश को जमीन पर लिटाने के लिए अपना दुपट्टा जमीन पर बिछा दिया।
इस मामले पर जब कन्नौज जिला अस्पताल के सीएमएस यूसी चतुर्वेदी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मॉर्चुरी के दरवाजे में ताला लगा था इसलिए एंबुलेंस चालक चाबी लेने चला गया था। वहीं उनसे शव को धूप में रास्ते पर रखने के बारे में पूछा गया तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। इस घटना का वीडियो जब इलाके में वायरल हुआ तो मामला डीएम राकेश मिश्रा तक पहुंचा। उन्होंने और सीएमओ डॉक्टर कृष्ण स्वरूप ने मामले का संज्ञान लिया है। मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।
डेस्क
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