बलिया के दो दर्जन गांवों का लिंक रोड़ गड्ढे में तब्दील
रसड़ा (बलिया) : सरकार सड़कों के कायाकल्प के लिए दृढ संकल्पित टीवी डिबेट में तो नजर आ रही है लेकिन धरातल पर नजारा कुछ और ही वर्षों से गढ्ढे में तब्दील हो चुकी लिंक मार्ग माधोपुर ,सरया,चिंतामणिपुर मार्ग तो अब जानलेवा साबित होने लगी है। इस मार्ग से अमहर पट्टी उत्तर, रौराचवर, सरया, नराक्ष रधूनाथ पुर आदि एक दर्जन गांवों के ग्रामीण प्रतिदिनि चोगडा से माधोपुर रसड़ा को आते-जाते हैं परंतु विभाग है कि सुनता ही नहीं है। ऐसा नहीं कि इस सड़क के निर्माण को लेकर अधिकारियों को संज्ञान में नहीं दिया गया अपितु इसके कायाकल्प को लेकर अनेकानेक बार आंदोलन सहित चक्का जाम तक किए गए किंतु क्या कारण है कि यह एक दर्जन गांवों को जोड़ने वाला मार्ग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।
बताते चलें कि जिस समय दी किसान सहकारी चीनी मिल का निर्माण कराया गया था उसी समय इस मार्ग को मूर्त रूप दिया गया ताकि किसान अपने गन्ने को आसानी से ला सकें किंतु लगभग 10 वर्षों से यह सड़क खराब होकर गढ्ढे में तब्दील हो चुकी है किंतु इसका नव निर्माण नहीं कराया जा रहा है। इलाकाई लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि इस सड़क के निर्माण की दिशा में सकरात्मक कदम नहीं उठाये गए तो निश्चित ही वे एक बार फिर आंदोलन को विवश होंगे। रघुनाथपुर प्रधान मनोरमा देवी ने बतलाया कि माधोपुर से चोगडा का दूरी 13 किलोमीटर दूर है अधिकांश लोग चोगडा से रघुनाथपुर चिंतामणिपुर होते हुए रसड़ा जातें हैं । सरकार बदलीं तो लोगों को लगा कि अब अच्छे दिन आयेंगे मगर विकास केवल टीवी डिबेट तक ही सीमित रहा सड़कों का जाल केवल टीवी डिबेट पर धरातल पर अगर काम हुआ होता तो दर्जनों गांवों के लोगों की समस्या समाधान हो जाता ।
रिपोर्ट पिन्टू सिंह
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