जाने कहां स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता की कीमत जान देकर चुका रहे मरीज़
रसड़ा (बलिया) : स्वास्थ्य विभाग मरीजों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कितना संवेदनशील है इसका सहज ही अनुमान रसड़ा स्वास्थ्य केंद्र के वर्तमान स्थिति को देखकर लगाया जा सकता है। लगभग तीन महीनो से वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते इस महत्वपूर्ण अस्पताल की हालत यह है कि दुर्व्यवस्था से जूझ रहा है सफाई व्यवस्था तथा आवश्यक दवाओं के नाम पर पर कोरम ही पुरा किया जाता है ।इस अस्पताल परिसर में मरीजों सहित आशा बहुओं के बैठने के लिए कोई इंतजाम नहीं है ।
नतीजतन मरीज़ नालियों व जमीन बैठने को विवश हैं । सफाई का आलम यह है कि सफाई कर्मचारियों मनमाने से गंदगी का अंबार लगा हुआ है।
घायल मरीजों को इलाज के बजाय तत्काल रेफर कर दिए जाते है । इस गंभीर समस्या से विभाग अनजान हैं। वहीं कागजों पर काफी चिकित्सक है महज कुछ चिकित्सकों के भरोसे सैकड़ों मरीजों को इलाज के नाम पर उनके जान से खिलवाड़ ही किया जा रहा है। विधायक उमाशंकर सिंह के वर्षों प्रयास से यहां कागजों पर दो सर्जन व महिला चिकित्सक की नियुक्ति कर दिया गया है । हालांकि की ग्राउंड रिपोर्ट से खबर करने पर महिला चिकित्सक की उपस्थिति रही मगर सर्जन दिन के उजाले में दूर दूर तक दिखाई नहीं पड़े ।
अलबत्ता एक चिकित्सक दलालों के माध्यम से चश्मा बेचते दिखाई पड़ा पुछे जाने पर डाक्टर बंगला झांकने लगा वहीं सर्जन नहीं होने से नतीजा यह हो रहा है कि हादसे में लोग गंभीर इलाज के लिए आ तो रहे हैं किंतु चिकित्सकों का अभाव के कारण उन्हें मऊ, वाराणसी आदि को जाना पड़ रहा है और समय पर सही इलाज न मिल पाने के कारण मरीज रास्ते में अपनी जान भी गवां रहे हैं । कहीं न कहीं विभाग व शासन की भारी उदासीनता व लापरवाही का हाल बयां करने के लिए काफी हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है ।
बताते चले कि यह अस्पताल रसड़ा क्षेत्र सहित गाजीपुर मऊ जनपद के आंशिक क्षेत्रों के अलावा रतनपुरा, पकवाइनार, चिकलहर के अतिरिक्त लाखों की आबादी वाले रसड़ा सीएचसी विभागीय उदासीनता व राजनीतिक पहल के अभाव में यह अस्पताल आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है ।
इस पूरे मामले पर वर्षा से अधीक्षक पद पर तैनात विरेन्द्र कुमार को दूरभाष पर सम्पर्क कर यहां की समस्याओं से अवगत कराया तो जबाव देने के बजाय कहें आकर मिलते हैं।
वहीं इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी बलिया से सम्पर्क करना चाहा मगर घंटी बजती रही जबाव नहीं दिया ।
वहीं सजपा के जिला जिला अध्यक्ष बलंवत सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षा से इस सीएचसी पर तैनात अधीक्षक वीरेंद्र कुमार अपने जिम्मेदारी का एहसास नहीं होने के कारण मरीजों की जान से खेलवाड कर रहे है ।
पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर से दूरभाष पर सम्पर्क किया और यहां की समस्याओं से अवगत कराया तो उन्होंने कहा राम राज्य हैं केवल जुमलों के सहारे चल रही है सरकार ।
वहीं इस सम्बन्ध में विधायक उमाशंकर सिंह से दूरभाष पर सम्पर्क कर यहां की समस्याओं से अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि नहीं अधीक्षक ने कहा है कि दो सर्जन व महिला चिकित्सक कागजों में नियुक्त कर दिया गया है।बरहल आप के माध्यम से पता चला है जल्द ही उच्च अधिकारियों से वार्ता करते हैं।
रिपोर्ट पिन्टू सिंह
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