जाने क्यों पत्रकार ने दी आत्मदाह की चेतावनी
रसड़ा (बलिया ): यूपी के जर्जीत जनपद मऊ के मान्यता प्राप्त पत्रकार ऋषिकेश पाण्डेय ने आगामी दो अक्टूबर को विधानसभा लखनऊ के सामने आत्मदाह करने की घोषणा कर सनसनी फैला दी है।उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि क्या योगी सरकार में जो सच लिखेगा,वो मारा जाएगा?
दरअसल, श्री पाण्डेय ने फर्जी पासपोर्ट के पर्दाफाश मामले में कोपागंज थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 396/19 का लगातार फालोअप प्रकाशित किया।जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों को तत्कालीन एसपी अनुराग आर्य द्वारा बचाने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए कतिपय लोगों को “बलि का बकरा” बनाने और “असली सरदारों” को बचाने सम्बंधी खबरों का जिक्र किया।जिससे नाराज़ होकर तत्कालीन एसपी ने उनकी हत्या का प्रयास कराया।जिसके विरोध में एसपी आफिस मऊ का घेराव किया गया।
मामले की सीबीआई/सीबी सीआईडी जांच के लिए विधान परिषद सदस्य दीपक कुमार सिंह के माध्यम से मुद्दा विधान परिषद लखनऊ में भी उठा।
मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री,महामहिम राष्ट्रपति तक से गुहार लगायी मगर,आठ माह बाद भी न फर्जी पासपोर्ट का एक भी लाभार्थी पकङा गया, न एक भी फर्जी पासपोर्ट ही बरामद हुआ और ना ही आज तक कोई जिम्मेदार अधिकारी का ही नाम विवेचना में सामने आया।न मामले की उच्चस्तरीय जांच ही करायी गयी।दोषी अधिकारियों द्वारा पत्रकार की हत्या की साजिश लगातार जारी है।जिससे भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकार को आठ माह से अपराधियों की भांति लुक-छिपकर जिन्दगी बितानी पङ रही है।
श्री पाण्डेय ने चेतावनी दी है कि
उपरोक्त प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराने और जांच पूरी होने तक समुचित सुरक्षा प्रदान की जाय।अन्यथा,2अक्टूबर2020को विधानसभा लखनऊ के सामने आत्मदाह करने के लिए विवश होंगे।जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।श्री पाण्डेय ने बलिया के पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर की गयी हत्या की घटना की भी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
रिपोर्ट पिन्टू सिंह
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