बाढ़ में घिरे गांवों की उपेक्षा से पीड़ितों में आक्रोश
रेवती(बलिया)। सरयू का जलस्तर चांदपुर में खतरे के निशान 58 मीटर से सवा मी ऊपर किन्तु दो दिन से स्थिर है । इधर टीएस बंधा के उत्तर फ्लड जोन में बसे नवकागांव के पासवान बस्ती , देवपुर मठिया का हरिजन बस्ती, धूपनाथ और बैजनाथ यादव के डेरा गांव के अढ़ाई सौ परिवार आज पूरे तीन सप्ताह से सरयू के बाढ़ से घिरे हुए हैं । बंधे से दो से तीन कि मी उत्तर बाढ़ से घिरे इन गांव के लोगों का संपर्क बंधा से कट गया है ।
भोजन व मवेशियों के चारा पानी की विकट समस्या का सामना इन्हें सामना करना पड़ रहा है । प्रशासन व जिम्मेदार इनकी बेबसी पर खामोश है । भोजन व दवा की कौन कहे अभी तक प्रशासन से नाव भी नही मुहैया कराई गई है। नवकागांव के प्रधान प्रतिनिधि प्रदीप कुमार पासवान ने बताया की अपने स्तर से पांच नाव लगावाया हू। तहसील से इसकी लिखा पढ़ी - दर्ज़ नहीं किया जा रहा है । ऐसे में पांच सौ रूपये के हिसाब पांच नावों का प्रति दिन 2500 रूपये का भुगतान हमें करना पड़ेगा। यही स्थिति धूपनाथ और बैजनाथ यादव के डेरा गांव की है।
तहसील से कहा जा रहा है कि जब तक बाढ़ क्षेत्र नहीं घोषित किया जायेगा । नाव या अन्य राहत सामग्री नहीं मुहैया कराई जायेगी। बाढ़ से घिरे गांवों के लोगों के पैर की अंगुलियों में सड़न के साथ अन्य मौसमी बीमारियों का भी प्रसार बढ़ रहा है । बाढ़ चौकी पर कोई राजस्व कर्मी (लेखपाल) आदि की ड्यूटी भी सुनिश्चित नही हो पायी है । प्रभावित लोग प्रशासनिक उदासिनता को लेकर काफी आक्रोशित है ।
रिपोर्ट पुनीत केशरी
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